अब आसानी से शुरू कर सकेंगे पशुपालन क्षेत्र में अपना बिजनेस, सरकार ने पशुपालन अवसंरचना कोष को दी मंजूरी

पशुपालन अवसंरचना विकास कोष

सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए पशुपालन को बढ़ावा दे रही है।

इस कड़ी में सरकार ने पशुपालन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए पशु पालन अवसंरचना विकास कोष (आईडीएफ) को मंजूरी दे दी है।

1 फरवरी के दिन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पशुपालन अवसंरचना विकास कोष

(एएचआईडीएफ) को 29,610.25 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 2025-26 तक अगले तीन वर्षों के लिए जारी रखने की मंजूरी दे दी है।

सरकार के मुताबिक यह योजना डेयरी प्रसंस्करण और उत्पाद विविधीकरण, मांस प्रसंस्करण और

उत्पाद विविधीकरण, पशु चारा संयंत्र, नस्ल गुणन फार्म, पशु अपशिष्ट से धन प्रबंधन (कृषि-अपशिष्ट प्रबंधन) और

पशु चिकित्सा वैक्सीन और दवा उत्पादन सुविधाओं के लिए निवेश को प्रोत्साहित करेगी।

 

बैंक ऋण पर मिलेगी ब्याज में छूट

पशुपालन अवसंरचना कोष के तहत इच्छुक व्यक्ति पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र में व्यवसाय शुरू करने के लिए आसानी से ऋण प्राप्त कर सकेंगे।

भारत सरकार अनुसूचित बैंक और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), नाबार्ड और एनडीडीबी से 90 प्रतिशत तक ऋण के लिए दो साल की मोहलत सहित 8 वर्षों के लिए 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान प्रदान करेगी।

इस योजना का लाभ निजी कंपनियाँ, FPO, एमएसएमई, धारा 8 के तहत पंजीकृत कंपनियाँ ले सकेंगी। जिससे अब डेयरी सहकारी समितियां डेयरी संयंत्रों के आधुनिकीकरण, सुदृढ़ीकरण का भी लाभ मिलेगा।

योजना के तहत भारत सरकार एमएसएमई और डेयरी सहकारी समितियों को 750 करोड़ रुपये के ऋण गारंटी कोष से उधार लिए गए ऋण की 25 प्रतिशत तक ऋण गारंटी भी प्रदान करेगी।

 

इन क्षेत्रों में कर सकेंगे बिजनेस

पशुपालन अवसंरचना विकास कोष पशुपालन क्षेत्र में निवेश करने का अवसर देता है।

योजना के तहत मूल्यवर्धन, कोल्ड चेन और डेयरी, मांस, पशु चारा इकाई, पोल्ट्री फार्म, पशु चिकित्सा औषधि/वैक्सीन, पशुओं के अपशिष्ट से धन प्रबंधन, नस्ल गुणन फार्म आदि के लिए नई इकाइयाँ स्थापित की जा सकती हैं।

सरकार के मुताबिक़ इस योजना के शुरू होने से अब तक देश में 141.04 लाख लीटर प्रति दिन दूध प्रसंस्करण क्षमता, 79.24 लाख मीट्रिक टन फ़ीड प्रसंस्करण क्षमता और

9.06 लाख मीट्रिक टन मांस प्रसंस्करण क्षमता को आपूर्ति श्रृंखला में जोड़कर गहरा असर डाला है। यह योजना डेयरी, मांस और पशु चारा क्षेत्र में प्रसंस्करण क्षमता को 2-4 प्रतिशत तक बढ़ाने में सक्षम है।

 

35 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

सरकार के अनुसार यह योजना उद्यमिता विकास के माध्यम से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 35 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजन का एक माध्यम होगी।

इस योजना का उद्देश्य पशुपालन क्षेत्र से धन सृजन करना है। पशुपालन अवसंरचना कोष से अब तक लगभग 15 लाख किसानों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल रहा है।

यह योजना किसानों की आय को दोगुना करने, निजी क्षेत्र के निवेश के माध्यम से पशुधन क्षेत्र का दोहन करने, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के लिए नवीनतम तकनीकों को लाने और पशुधन उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने में कारगर साबित होगी।

 

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