लोकसभा में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने किसानों को उनकी लागत पर 50% लाभ जोड़कर एमएसपी तय करने का फैसला किया है।
उन्होंने पूर्व की सरकारों पर एमएसपी को लेकर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया।
किसानों के लिए एमएसपी में बड़ा बदलाव
लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान श्री चौहान ने विभिन्न फसलों के एमएसपी में वृद्धि के आंकड़े साझा किए।
- उन्होंने बताया कि धान का एमएसपी, जो पहले 1510 रुपये प्रति क्विंटल था, अब बढ़ाकर 2300 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।
- ज्वार का एमएसपी 1500 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 3371 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
- बाजरा की एमएसपी 1250 रुपये से बढ़ाकर 2625 रुपये प्रति क्विंटल,
- जबकि रागी की एमएसपी 1500 रुपये से 4290 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है।
- मक्का का एमएसपी 1310 रुपये से बढ़ाकर 2225 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।
दलहन और तिलहन पर फोकस
मंत्री ने दलहन और तिलहन की फसलों के एमएसपी में हुए बदलाव पर भी प्रकाश डाला।
- तूर (अरहर) का एमएसपी 4300 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 7550 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।
- मूंग का एमएसपी 4500 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 8682 रुपये प्रति क्विंटल किया गया।
- उड़द की एमएसपी 4300 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 7600 रुपये प्रति क्विंटल की गई है।
- तिलहन फसलों में, मूंगफली का एमएसपी 4000 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6783 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
खरीद केंद्रों पर ध्यान
श्री चौहान ने फसलों की सरकारी खरीद के आंकड़े भी साझा किए।
उन्होंने बताया कि पहले दलहन की खरीद 6.29 लाख मीट्रिक टन तक सीमित थी, जिसे अब 1.71 करोड़ मीट्रिक टन तक बढ़ाया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ एमएसपी घोषित नहीं कर रही, बल्कि फसलों की खरीद भी सुनिश्चित कर रही है।
श्री चौहान ने यह भी कहा कि एमएसपी में वृद्धि का उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादन की बेहतर कीमत देना है, जिससे कृषि क्षेत्र को मजबूती मिले और किसानों की आय में सुधार हो।
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