फटाफट कर लें ये काम
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 13वीं किस्त पाने के लिए सरकार ने कुछ शर्तें तय की हैं.
इसमें राशन कार्ड, भूमि का सत्यापन, आधार कार्ड, बैंक की सही डिटेल जैसी जरूरी चीजें शामिल की गई हैं.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त किसानों के खाते में लगभग पहुंच चुकी है.
अब भी तमाम किसान 12वीं किस्त पाने से वंचित रह गए हैं. ऐसे में उन्हें डर है कि 13वीं किस्त पाने से न चूक जाएं.
इसके लिए किसान e-KYC कराने और अन्य डॉक्यूमेंट अपडेट कराने के लिए बैंकों के चक्कर काट रहे हैं.
कुछ किसान ऑनलाइन भी अपडेशन की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन यहां हम आपको आसान तरीका बताने जा रहे हैं.
किसान इससे 13वीं किस्त आसानी से पा सकते हैं. इसके लिए बस थोड़ी सी मेहनत करने की जरूरत है.
जमीन के दस्तावेजों का सत्यापन जरूरी
केंद्र सरकार ने किस्त पाने के लिए जरूरी शर्ते तय की हैं.
अब तक काफी संख्या में अपात्र लोग पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे थे.
e-KYC और डॉक्यूमेंट अपडेशन करने के कारण काफी संख्या में किसान लिस्ट से बाहर हो गए हैं.
अब पीएम किसान निधि पाने वाले किसानों के जमीन डॉक्यूमेंट का वैरिफिकेशन होगा.
किसानों को अपने भूमि रिकॉर्ड सत्यापित भी कराना होगा. जो किसान ऐसा नहीं कर पाएगा. उसे 13वीं किस्त नहीं मिलेगी.
राशन कार्ड की कॉपी भी करनी होगी जमा
भूमि के डॉक्यूमेंट के अलावा इस बार कुछ अन्य दस्तावेज भी अनिवार्य कर दिए गए हैं.
इसमें किसान को राशन कार्ड की कॉपी भी ऑनलाइन अपलोड करनी होगी.
किसानों को पीएम किसान पोर्टल की अधिकारिक वेबसाइट पर अपडेशन का यह काम करना होगा.
आधार कार्ड व अन्य जरूरी कागज भी किसानों को लगाने होंगे. ऐसा न होने पर किसान किस्त पाने से खाली हाथ रहेंगे.
13 वीं किस्त जारी होनी है
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत साल में 6 हजार रुपये किसानों के खाते में आते हैं.
हर 4 महीने में 2000 रुपये सरकार किस्त जारी करती हैं. अब 13 वीं किस्त जारी होनी है.
इससे पहले 12 वीं किस्त जारी करने में केंद्र सरकार काफी लेट हो गई थी.
केंद्र सरकार की कोशिश है कि इस बार किस्त का पैसा लेट न हो. इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई हैं.
नहीं मिली 12 वीं किस्त
वहीं, योजना के तहत काफी संख्या में अपात्र भी लाभ ले रहे थे. उन्हें किसानों ने बाहर कर दिया है.
हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 करोड़ किसानों के खाते में 16 हजार करोड़ रुपये जारी किए थे.
इसके अलावा 4 करोड़ किसान ऐसे रहे, जिनके खाते में धनराशि नहीं पहुंच सकी है.
इनमें किसानों का कंप्लीट वैरिपिफकेशन न होना और अपात्रों को लिस्ट से बाहर किया जाना शामिल है.
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