DAP के लिए स्पेशल सब्सिडी का एलान; क्या अब सस्ती होगी खाद?

मोदी सरकार ने डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) खाद की खरीद के लिए 3850 करोड़ रुपये तक के एकमुश्त विशेष पैकेज के विस्तार का एलान किया है।

यह फैसला पीएम नरेंद्र मोदी अगुआई में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में लिया गया।

एकमुश्त विशेष पैकेज को जनवरी-दिसंबर 2025 की अवधि के लिए मंजूरी दी गई है। आइए जानते हैं कि इसका खाद की कीमतों पर क्या असर होगा।

 

मोदी सरकार का नए साल पर किसानों को तोहफा

सरकार ने नए साल के मौके पर किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। उसने डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) खाद की खरीद के लिए 3,850 करोड़ रुपये तक के एकमुश्त विशेष पैकेज के विस्तार का एलान किया है।

यह फैसला पीएम नरेंद्र मोदी अगुआई में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में लिया गया।

डीएपी के लिए एकमुश्त विशेष पैकेज को जनवरी-दिसंबर 2025 की अवधि के लिए मंजूरी दी गई है।

इस कदम का मकसद किसानों को किसानों को सस्ती कीमतों पर डीएपी की लगातार उपलब्धता सुनिश्चित करना है।

कुछ जगहों पर किसान डीएपी न मिलने की शिकायत कर रहे थे।

 

नई सब्सिडी से क्या डीएपी सस्ती होगी?

फिलहाल, डीएपी की 50 किलो की एक बोरी का दाम 1,350 रुपये है। सरकार के नए एलान से इसकी कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा।

दरअसल, वैश्विक बाजार अस्थिरता और भू-राजनीतिक तनाव के चलते खाद की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है।

मोदी सरकार वन टाइम स्पेशल सब्सिडी देकर सुनिश्चित करना चाहती है कि डीएपी के दाम में अब ज्यादा बढ़ोतरी न हो, ताकि किसानों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।

इससे डीएपी की मार्केट में लगातार उपलब्धता सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी।

 

खाद की कीमतों में उतार-चढ़ाव की वजह क्या है?

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि हूती विद्रोहियों के हमले की वजह से लाल सागर का रास्ता असुरक्षित हो गया है।

इसके चलते जहाजों को केप ऑफ गुड होप के जरिए आना पड़ रहा है। इससे खाद आयात करने की लागत बढ़ जा रही है, जिसका असर कीमतों पर भी देखने को मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि अगर वैश्विक बाजार में अस्थिरता बढ़ती है, तो उससे खाद के दाम भी प्रभावित हो सकते हैं।

यही वजह है कि सरकार अतिरिक्त सब्सिडी का इंतजाम करके किसानों को राहत देने की कोशिश कर रही है।

 

10 साल में सरकार ने खाद पर कितनी सब्सिडी बढ़ाई?

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दावा किया कि पीएम मोदी ने 2014 से कोविड और कई देशों में युद्ध जैसी समस्याओं के बावजूद सुनिश्चित किया है कि बाजार की अस्थिरता का बोझ किसानों पर न पड़े।

उन्होंने कहा, ‘2014 से 2023 के बीच सरकार ने खाद पर 1.9 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी दी। यह 2004-2014 के मुकाबले दोगुने से अधिक है।’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम फसल बीमा योजना के तहत 2023-24 में 4 करोड़ किसानों का बीमा किया गया है।

नीतियों के लिहाज से यह देश की सबसे बड़ी योजना और कुल प्रीमियम के आधार पर तीसरी सबसे बड़ी योजना है।

इन कृषि यंत्रो को सब्सिडी पर लेने हेतु अब 06 जनवरी तक कर सकते है आवेदन

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