हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

बाँस मिशन बेरोजगारों और महिलाओ के लिए उपयोगी

बाँस मिशन बेरोजगारों और महिलाओ के लिए उपयोगी

 

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा – बाँस मिशन बेरोजगारों और महिलाओ के लिए उपयोगी, इसलिए इस योजना को कृषि विभाग से जोड़ा जाये 

मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री ने बाँस योजना को महिलाओ और बेरोजगारों के लिए आय का साधन बनाने पर जोर दिया है ।

  1. कृषि मंत्री ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी को पत्र लिखकर मिशन की उपयोगिता बताई
  2. श्री पटेल ने कहा की भारत के एक दर्जन राज्यों में बाँस मिशन कृषि विभाग में

 

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल ने बाँस मिशन को वन विभाग की बजाय कृषि विभाग के अधीन लाने की जरुरत पर जोर दिय है। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में कमल पटेल ने कहा की प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप बाँस मिशन से किसानो को जोड़कर उनकी आय को दोगुना करने के प्रयासों में तेजी लाइ जा सकती है।

 

मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र में कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बाँस की खेती को प्रोत्साहित कर रहे है। बाँस मिशन ने किसानो को सशर्त बाँस के पौधे के लिए अनुदान की योजना बनाई है। किसानो से बाँस का राइजोम अधिमान्य निजी और शासकीय नर्सरी से लेने के लिए कहा जा रह है। कमल पटेल ने कहा की शासकीय नर्सरी में पर्याप्त राइजोम उपलब्ध नही है, जबकि शासकीय और निजी नर्सरी में राइजोम की कीमत में बड़ा अंतर है।

 

यह भी पढ़े : किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर दिए जाएंगे बाँस के पौधे

 

कृषि मंत्री कमल पटेल ने सीएम को पत्र लिखकर बाँस मिशन को कृषि विभाग के तहत लाने की अपील की है ।

 

राइजोम 10-15 रूपये में उपलब्ध 

शासकीय नर्सरी में राइजोम 10-15 रूपये में उपलब्ध है जबकि निजी नर्सरी में यही राइजोम 35-40 रूपये में दिया जा रह है। शासकीय नर्सरी में राइजोम की कमी से किसान महंगे दाम पर यह लेने को मजबूर है।

 

कमल पटेल ने बाँस मिशन की इस शर्त को विलोपित किये जाने की मांग की है जिससे ज्यादा किसान बाँस उगाने के लिए प्रोत्साहित हो सके। पत्र में कहा गया है की प्रदेश सरकार किसानो की आय दो गुना करने की महत्वाकांक्षी योजना पर कार्य कर रही है।

 

बाँस मिशन बेरोजगारों और महिलाओ के लिए महत्वपूर्ण योजना

कमल पटेल ने कहा की गैर वन क्षेत्र में बाँस को घास माना गया है, इससे बाँस मिशन किसानो, बेरोजगारों और महिलाओ के लिए महत्वपूर्ण योजना है। इससे रोजगार के अवसर बढाने के साथ हि पर्यवारणीय संतुलन बनाने में भी मदद मिलेगी, बाँस मिशन भूमिगत जल क्षेत्र के विस्तार और सूखे क्षेत्र के निराकरण में भी सहायक होगा। कमल पटेल ने कहा की वर्तमान में बाँस मिशन वन विभाग द्वारा संचालित है जबकि इसे कृषि विभाग के अधिन लाने की जरुरत है जिससे अधिक से अधिक किसानो को मिशन से जोड़ा जा सके।

 

पत्र में कहा गया है की देश के एक दर्जन राज्यों में बाँस मिशन कृषि विभाग के अंतर्गत है, कमल पटेल ने मध्यप्रदेश में भी यही व्यवस्था लागु करने  के लिए शीघ्र निर्णय लिए जाने की मांग की है।

 

यह भी पढ़े : बांस की खेती ने बनाया करोड़पति – सफलता की कहानी

 

source : dainikbhaskar