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Budget 2024: कृषि क्षेत्र को बजट से क्या उम्मीदें हैं, किसानों को क्या कुछ मिलेगा खास?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने वाली हैं,

जो वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार का आखिरी प्रमुख आर्थिक डॉक्यूमेंट होगा.

ऐसे में हर क्षेत्र को बजट से काफी उम्मीदे हैं. आइए जानते हैं कृषि क्षेत्र को बजट से क्या उम्मीदें हैं?

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार एक फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट में एग्री सेक्टर की योजनाओं के लिए आवंटन में रिकॉर्ड वृद्धि कर सकती है और लोन पर जोर दे सकती है.

वित्त वर्ष 2023-24 में एग्री सेक्टर की ग्रोथ रेट एक साल पहले के चार प्रतिशत से घटकर 1.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है.

1 फरवरी को पेश होगा बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने वाली हैं, जो वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार का आखिरी प्रमुख आर्थिक डॉक्यूमेंट होगा.

 

किसान सम्मान निधि की रकम बढ़ाने का अनुमान

वर्ष 2019 के आम चुनाव से पहले पेश अंतरिम बजट में सरकार ने पीएम-किसान सम्मान निधि की घोषणा की थी,

जिसके तहत छोटे किसानों को सालाना 6,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है.

चुनावी साल में ऐसी उम्मीदें हैं कि आगामी बजट में सहायता राशि बढ़ाई जा सकती है.

 

एग्री लोन टार्गेट को बढ़ाए जाने का अनुमान

सरकार अगले वित्त वर्ष के लिए एग्री लोन टार्गेट को बढ़ाकर 22-25 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा कर सकती है.

चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार का एग्री लोन टार्गेट 20 लाख करोड़ रुपये है.

चालू वित्त वर्ष में दिसंबर, 2023 तक 20 लाख करोड़ रुपये के एग्री लोन टार्गेट का लगभग 82 प्रतिशत हासिल कर लिया गया है.

 

समावेशी विकास को मिले बढ़ावा

भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि अंतरिम बजट में समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों को प्रमुख प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि कृषि में बर्बादी या नुकसान को कम करने के लिए स्टोरेज को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.

इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रसीदों (ENWR) का कवरेज बढ़ाया जाना चाहिए.

उद्योग चैंबर ने किसानों को सीधे नकद हस्तांतरण के रूप में उर्वरक सब्सिडी देने की दिशा में आगे बढ़ने का भी मुद्दा उठाया है.

 

बजट से क्या हैं उम्मीदें?

वहीं, ‘द ऑर्गेनिक वर्ल्ड’ के संस्थापक और प्रबंध निदेशक गौरव मनचंदा ने कहा कि भारत को संचालन को अनुकूलित करने और उभरते बाजार के अवसरों का लाभ उठाने के लिए बजटीय समर्थन और मजबूत किसान उत्पादक संगठनों (FPO) की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि उच्च कृषि बीमा परिव्यय, ग्रामीण रोजगार योजनाओं में अधिक निवेश, बेहतर सिंचाई सुविधाएं और बेहतर ग्रामीण बुनियादी ढांचे से बड़ा अंतर आ सकता है.

वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में, सीतारमण ने कृषि शिक्षा और अनुसंधान सहित कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय को 1.25 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए थे. वित्त वर्ष 2013-14 में यह आवंटन 27,662.67 करोड़ था.

 

इसी तरह, धानुका एग्रीटेक के प्रबंध निदेशक एम के धानुका को उम्मीद है कि आगामी अंतरिम बजट में सरकार कृषि को बढ़ावा देने के लिए की गई पहल को जारी रखेगी.

उन्होंने कहा,”विशेष रूप से, हम पीएम-किसान सम्मान निधि में कुछ वृद्धि और ग्रामीण खर्च में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं.” पिछले बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) के लिए 60,000 करोड़ रुपये रखे गए थे.

योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से 30 नवंबर, 2023 तक 11 करोड़ से अधिक किसानों को 2.81 लाख करोड़ रुपये से अधिक जारी किए जा चुके हैं.

 

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