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हल्दी की ये उन्नत किस्में देंगी बंपर पैदावार

200 क्विंटल तक उपज

 

हल्दी का उत्पादन अच्छा रहे इसके लिए सही किस्मों की बुवाई करना जरुरी है.

इस लेख में हम आपको हल्दी की उन्नत किस्मों के बारे में बता रहे हैं जो अच्छा उत्पादन देती हैं व कम समय में पककर तैयार हो जाती है.

 

आज कल किसान हल्दी की खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं. हल्दी भारतीय व्यंजनों में प्रयोग होने वाला प्रमुख मसाला है.

किसान खरीफ सीजन के साथ अन्य फसलों के साथ इसकी खेती कर रहे हैं.

किसान पूरे खेत में हल्दी बो सकते हैं, या खेतों की मेड़ अन्य फसलों के साथ बीच में बचे हुए छायादार भाग में इसकी बुवाई की जा सकती है.

हल्दी का उत्पादन अच्छा रहे इसके लिए सही किस्मों की बुवाई करना जरुरी है.

 

हल्दी की खेती

हल्दी दो प्रकार की होती है, एक पीली हल्दी और एक काली हल्दी. हल्दी की बुवाई 15 मई से जुलाई के प्रथम सप्ताह तक की जा सकती है.

सिंचाई की व्यवस्था होने पर कई किसान अप्रैल- मई में भी बुवाई कर लेते हैं.

हल्दी के लिए रेतीली और दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है.

हल्दी लगाने से पहले सुनिश्चित कर लें कि भूमि जलनिकासी वाली हो. भारी-पानी भरी भूमि में हल्दी ठीक से विकसित नहीं हो पाती.

हल्दी की खेती गर्म व नम जलवायु युक्त इलाकों में होती है.

इसकी फसल को विकसित होने के लिए अन्य फसलों की अपेक्षा ज्यादा खाद की जरुरत होती है.

प्रति हेक्टेयर बुआई के लिए 2500 किलो प्रकंदों की जरुरत होती है.

 

हल्दी की उन्नत किस्में

हल्दी की कई किस्में उपलब्ध हैं, यहां हम आपको उन्नत किस्मों के बारे में बता रहे हैं.

 

आर एच 5

  • इस किस्म से अन्य किस्मों की अपेक्षा कहीं ज्यादा उत्पादन मिलता है.
  • अगर सभी पहलुओं का ध्यान रखा जाए तो इस किस्म से 200 से 220 क्विंटल प्रति एकड़ की पैदावार मिल सकती है.
  • इस किस्म तो तैयार होने में 210-220 दिन लगते हैं. इसके पौधे 80 से 100 सेमी की ऊंचाई के होते हैं.

राजेन्द्र सोनिया

  • यह किस्म 195 से 210 दिन में तैयार हो जाती है.
  • यह किस्म प्रति एकड़ 160 से 180 क्विंटल तक उत्पादन दे सकती है.
  • इसके पौधे 60-80 सेमी की ऊंचाई के होते हैं.

 

पालम पीतांबर

  • यह किस्म सबसे अधिक पैदावार देने वाली किस्मों में से एक है.
  • इस किस्म से 132 क्विंटल प्रति एकड़ तक की उपज प्राप्त की जा सकती है.
  • इसके कंद गहरे पीले रंग के होते हैं.

 

सोनिया
  • इसे तैयार होने में 230 दिन लगते हैं.
  • यह किस्म 110 से 115 क्विंटल प्रति एकड़ तक उपज दे सकती है.

 

सुगंधम
  • यह किस्म 210 दिनों में तैयार होती है.
  • इससे 80 से 90 क्विटल प्रति एकड़ तक का उत्पादन मिलता है.
  • इसके कंद हल्की लाली लिए हुए पीले रंग के होते हैं.

 

सोरमा
  • यह किस्म तैयार होने में 210 दिनों का समय लेती है और प्रति एकड़ 80 से 90 क्विंटल तक उपज देती है.
  • इसके कंदों का रंग अंदर से नारंगी होता है.
  • इसके अलावा सुदर्शन, सगुना, रोमा, कोयंबटूर, कृष्णा, आर. एच 9/90, आर.एच- 13/90, पालम लालिमा, एन.डी.आर 18, बी.एस.आर 1, पंत पीतम्भ आदि भी हल्दी की उन्नत किस्में है.

 

अच्छा उत्पादन देती हैं
  • यह सभी किस्में 200 से 250 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. अच्छा उत्पादन देती हैं.
  • लेकिन किसान भाई इस बात का ध्यान रखें कि हल्दी की उन्नत किस्में तभी अच्छा उत्पादन देंगी जब पौधों की अच्छे से देखरेख होगी.
  • हल्दी की गांठों के विकास के लिए अच्चे खाद का प्रयोग करें.
  • हल्दी में कीड़े व रोग लगने का डर रहता है इसलिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह पर उचित मात्रा में कीटनाशकों का प्रयोग करें.

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