पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
PM SVANidhi योजना के तहत रेहड़ी-पटरी, ठेला, फल-सब्जी, सैलून, पान दुकान जैसे छोटे व्यवसाय करने वालों को बिना गारंटी 50,000 रुपये तक का लोन मिलता है.
समय पर लोन चुकाने पर 7% ब्याज सब्सिडी और डिजिटल लेनदेन पर 1,200 रुपये कैशबैक भी मिलता है.
अगर आप भी रेहड़ी-पटरी, ठेला, फल-सब्जी, सैलून या अन्य कोई छोटा व्यवसाय करते हैं और आर्थिक मदद चाहते हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है.
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (PM SVANidhi) योजना के तहत आप 50,000 रुपये तक बिना गारंटी लोन ले सकते हैं.
खास बात ये है कि लोन चुकाने पर सरकार ब्याज में भी सब्सिडी देती है और डिजिटल ट्रांजेक्शन पर कैशबैक भी मिलता है.
क्या है पीएम स्वनिधि योजना?
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को 2020 में शुरू किया गया था ताकि कोरोना महामारी के समय मुश्किलों से जूझ रहे स्ट्रीट वेंडर्स को आर्थिक मदद मिल सके.
इसके तहत शहरों में रेहड़ी-पटरी लगाने वाले, ठेला लगाने वाले, छोटी दुकान चलाने वाले, फल-सब्जी विक्रेता, लॉन्ड्री, सैलून, पान की दुकान आदि चलाने वालों को बिना गारंटी का आसान लोन दिया जाता है.
कितना मिलता है लोन?
योजना के तहत तीन चरणों में कुल 50,000 रुपये तक का लोन दिया जाता है –
- पहला लोन: 10,000 रुपये, जिसे 12 महीने में चुकाना होता है.
- दूसरा लोन: 20,000 रुपये तक, चुकाने की अवधि 18 महीने.
- तीसरा लोन: 50,000 रुपये तक, चुकाने की अवधि 36 महीने.
क्या हैं योजना की खास बातें?
- बिना गारंटी के मिलता है लोन.
- समय पर लोन चुकाने पर 7% ब्याज सब्सिडी सीधे खाते में.
- डिजिटल लेनदेन करने पर 1,200 रुपये तक का कैशबैक.
- जल्द लोन चुकाने पर ब्याज सब्सिडी का एकमुश्त भुगतान.
कौन दे रहा है लोन?
इस योजना के तहत देशभर के सरकारी और प्राइवेट बैंक, माइक्रो फाइनेंस कंपनियां, स्मॉल फाइनेंस बैंक और को-ऑपरेटिव बैंक लोन दे रहे हैं.
योजना का संचालन स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (SIDBI) कर रहा है. नीचे दिए गए बैंक दे रहे हैं लोन..
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
- बैंक ऑफ बड़ौदा
- पंजाब नेशनल बैंक
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
- केनरा बैंक
- बैंक ऑफ इंडिया
- इंडियन बैंक
- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
- इंडियन ओवरसीज बैंक
- बैंक ऑफ महाराष्ट्र
सबसे ज्यादा इन राज्यों को मिलेगा फायदा
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का सबसे ज्यादा फायदा देश के उन राज्यों में देखने को मिला है, जहां शहरी इलाकों में बड़ी संख्या में रेहड़ी-पटरी और ठेला व्यवसाय करने वाले लोग मौजूद हैं.
अब तक इस योजना के तहत 68 लाख से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स को आर्थिक मदद मिल चुकी है.
खासकर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में योजना को बड़ी सफलता मिली है.
इन राज्यों के लाखों छोटे दुकानदार, फल-सब्जी विक्रेता, सैलून, पान या अन्य असंगठित क्षेत्र के कारोबारी बिना गारंटी आसान लोन लेकर अपने व्यवसाय को फिर से खड़ा करने में सक्षम हो रहे हैं.
जरूरी दस्तावेज क्या चाहिए?
- लोन के लिए कुछ जरूरी डॉक्युमेंट्स देने होते हैं –
- आधार कार्ड
- वोटर आईडी
- ड्राइविंग लाइसेंस / मनरेगा कार्ड / पैन कार्ड (कोई एक दस्तावेज)
- मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना जरूरी
कहां से और कैसे करें आवेदन?
पीएम स्वनिधि योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन प्रक्रिया बेहद आसान है.
आप घर बैठे भी आवेदन कर सकते हैं और नजदीकी केंद्र पर जाकर भी. इसके लिए आप योजना की आधिकारिक वेबसाइट (https://pmsvanidhi.mohua.gov.in) पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
इसके अलावा मोबाइल ऐप के जरिए भी आवेदन की सुविधा उपलब्ध है.
अगर ऑनलाइन करने में कोई परेशानी हो, तो नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या बैंकिंग कॉरस्पोंडेंट से संपर्क कर सकते हैं.
यहां आपके दस्तावेज चेक कर आवेदन प्रक्रिया पूरी की जाएगी. आवेदन से पहले सुनिश्चित करें कि आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक हो और सभी जरूरी दस्तावेज आपके पास मौजूद हों.
कौन ले सकता है योजना का फायदा?
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ देश के ऐसे सभी स्ट्रीट वेंडर्स ले सकते हैं, जो शहरों या कस्बों में फुटपाथ, ठेला या छोटी दुकान के जरिए अपना व्यवसाय करते हैं. इसके लिए जरूरी है कि वेंडर 24 मार्च 2020 से पहले सड़कों पर कारोबार कर रहे हों.
जिनके पास नगर निकाय द्वारा जारी सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग है या जिनका नाम नगर निकाय द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में शामिल है, वे सीधे इस योजना के पात्र हैं.
अगर किसी वेंडर का नाम सर्वे में नहीं है, तो वह यूएलबी (Urban Local Body) या टाउन वेंडिंग कमिटी से सिफारिश पत्र (Letter of Recommendation) प्राप्त करके योजना का लाभ उठा सकता है.
इसके अलावा, शहरी इलाकों के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग, जो शहर में आकर ठेला, रेहड़ी या अन्य छोटी दुकान लगाते हैं, वे भी योजना के लिए पात्र माने जाएंगे.
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