केंद्र सरकार ने 6 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने को लेकर मंजूरी दी है. ये रबी की फसलें आइए जानते हैं नई एमएसपी क्या है…
दिवाली का त्यौहार बेहद करीब आ गया है. ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से किसानों को बड़ी सौगात दी गई है.
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में रबी की 6 फसलों के एमएसपी यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने की मंजूरी दी गई है.
इन फसलों में चना, गेहूं, मसूर, सरसों, जौ और सनफ्लॉवर सीड्स शामिल हैं.
अब किसानों को कितना होगा फायदा?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस महत्वपूर्ण फैसले की जानकारी साझा की.
उन्होंने बताया कि गेहूं का एमएसपी 150 रुपये बढ़कर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है.
वहीं, सरसों की नई एमएसपी 300 रुपये बढ़ाकर 5,950 रुपये प्रति क्विंटल की गई है.
रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार का मकसद गेंहू उत्पादकों को उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य दिलाना है.
जिससे वह अपने उत्पादन लागत को कवर कर सकें. साथ ही बाजार में उतार-चढ़ाव से कुछ सुरक्षा प्राप्त कर सकें.
एमएसपी पहले कितनी और अब कितनी
- गेहूं – पहले: 2275 रुपये, अब: 2425 रुपये
- चना – पहले: 5440 रुपये, अब: 5650
- मसूर – पहले: 6425 रुपये, अब: 6700 रुपये
- जौ – पहले: 1850 रुपये, अब: 1980 रुपये
- सरसों – पहले: 5650 रुपये, अब: 5950 रुपये
- सनफ्लॉवर सीड्स – पहले: 5800 रुपये, अब: 5940 रुपये
#Cabinet approves Minimum Support Prices (MSP) for Rabi Crops for Marketing Season 2025-26
➡️ Government has increased the MSP of Rabi Crops for Marketing Season 2025-26, to ensure remunerative prices to the growers for their produce
➡️ The absolute highest increase in MSP… pic.twitter.com/5SGRqzumFE
— PIB India (@PIB_India) October 16, 2024
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क्या है एमएसपी?
सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य वह राशि है, जिस पर फसलों की सरकारी खरीद होती है.
बाजार में इन फसलों के दाम कभी-कभी एमएसपी से ऊपर या नीचे हो सकते हैं, लेकिन एमएसपी का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय को सुरक्षित करना है.
सरकार खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कृषि उपजों की बड़ी मात्रा में खरीद करती है, जिससे फसल की बुवाई में किसानों को प्रेरणा मिलती है.
क्या बोले किसान
रबी की 6 फसलों पर एमएसपी बढ़ने की बात सुन किसान भी खुश हैं. किसानों का कहना है कि ये अच्छा कदम है.
किसानों की मानें तो इस प्रकार के कदम कृषि क्षेत्र को मजबूती देने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं.
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