इस कृषि यंत्र की मदद से जुताई के साथ साथ होगी गेहूं की बुवाई

गेहूं रबी सीजन की सबसे मुख्य फसल है ऐसे में किसान कम लागत में गेहूं की अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकें इसके लिए कृषि विभाग द्वारा किसान हित में लगातार सलाह जारी की जा रही है।

इस कड़ी में एमपी के बालाघाट जिले में सुपर सीडर से गेहूं बुवाई को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग द्वारा एडवायजरी जारी की गई है।

कृषि उपसंचालक राजेश खोब्रागड़े ने बताया कि सुपर सीडर दरअसल दो उपयोगी मशीनों का एक रूप है। इसमें सीडड्रिल व रोटावेटर दोनों समाहित है।

 

सुपर सीडर कृषि यंत्र का उपयोग

गेंहू की बुवाई से पहले किसान धान के बचे भाग को मिट्टी में दबाने के लिए जुताई करते है, जिससे किसानों को अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ता है।

साथ ही फिर गेंहू बुवाई में अलग से समय के साथ खर्च भी होता है। जबकि सुपर सीडर बगैर जुताई किये हुए खेत में भी जुताई कर सकता है।

सुपर सीडर में आगे रोटावेटर होता है जो मिट्टी को पलट देता है इसके बाद पीछे की ओर सीड ड्रिल होने से खाद व बीज सीड ड्रिल के माध्यम से चला जाता है।

क्योंकि सीडड्रिल में दो बॉक्स लगे होते है एक में खाद और दूसरे में बीज के लिए स्थान रखा जाता है। इस तरह खेत की जुताई और बुवाई दोनों साथ हो जाती है।

 

सुपर सीडर मशीन से बुआई के लाभ

कृषि उपसंचालक खोब्रागड़े ने बताया कि सुपर सीडर से बुवाई में मिट्टी में नमी बनी रहती है। जिससे सिंचाई की लागत कम हो जाती है।

बुवाई करने से खरपतवार कम हो जाते है। इससे गेंहू, चना, सोयाबीन, मक्का व दालें भी बोई जा सकती है। पराली जलाए बगैर बुवाई करने से प्रदूषण में कमी होती है।

फसल उत्पादन में 5 प्रतिशत तक सम्भावित वृद्धि, जीवाणुओं की रक्षा और खाद डालने की जरूरत भी कम पड़ती है।

 

देखें विडियो : खड़े कपास के खेत में कैसे इस प्रकार होती है गेहू की बुवाई

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