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काले गेंहू के बाद नीले गेंहू की खेती दिलायेगी एमपी को पहचान

खेती से अधिक आमदनी प्राप्त करने के लिए किसान आजकल नवाचार को अपना रहे हैं।

अब किसान परम्परागत फसलों से हटकर नई उन्नत किस्मों का उत्पादन कर रहे हैं।

इसी क्रम में मध्य प्रदेश के किसानों ने काले गेहूं की खेती के बाद नीले गेहूं की खेती भी शुरू कर दी है।

 

किसानों की होगी तगड़ी कमाई

मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जी-20 के कृषि समूह की बैठक में विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधियों का प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में नीला गेंहू Blue wheat farming, शुगर फ्री आलू और बीज बैंक के रूप में हुए नवाचारों ने ध्यान आकर्षित किया है।

इंदौर में जी-20 देशों के कृषि समूह की बैठक जारी है, जिसमें 30 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

 

नीले गेहूं का स्टाल

जी-20 देशों के कृषि समूह की बैठक में मध्य प्रदेश के किसानों की सफलता की कहानियाँ भी प्रदर्शित की गई है।

यहाँ पीले और काले गेहूं के साथ ही सीहोर के नीले गेहूं का स्टाल भी है।

स्टाल पर जानकारी दी गई कि बेकरी में इसका इस्तेमाल हो रहा है। अगले साल के लिए निर्यात के ऑर्डर भी उन्हें मिले हैं।

 

सेहत के लिए गुणकारी नीला गेंहू

नीला गेहूं Blue wheat farming स्वास्थ्य के लिए बहुत गुणकारी माना जाता है।

इस संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि इस गेहूं में कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड शुगर लेवल के साथ वसा को कम करने की क्षमता है।

इसके आटे से बनाए जाने वाले बेकरी आइटम जैसे रोटी, ब्रेड, बिस्किट आदि का रंग भी नीला ही रहता है।

देखने में ये आकर्षक होता है। नीला गेहूं सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होने की वजह से इसकी बाजार रेट अन्य गेहूं की किस्मों के मुकाबले लगभग दोगुना रहती है।

इस गेहूं की फसल में कीटनाशक आदि का प्रकोप कम होता है। इस गेहूं की पैदावार भी ज्यादा होती है।

 

नीले गेहूं की मांग दूसरे देशों से आने लगी है

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश गेंहू Blue wheat farming निर्यात में पूरे देश में प्रथम है।

साथ ही काले गेंहू के निर्यात के बाद अब नीले रंग के गेंहू का उत्पादन भी प्रदेश में शुरू हुआ है।

बेकरी उत्पादों में काम आने वाले नीले गेंहू की मांग दूसरे देशों से भी आ रही है, इसका पेटेंट भी करा लिया गया है।

उन्होंने बताया कि सिमरौल की सुश्री निशा पाटीदार ने विशेष प्रकार के शुगर फ्री आलू का उत्पादन आरंभ किया है।

विलुप्त हो चुके मोटे अनाजों का बीज बैंक विकसित करने वाली डिण्डौरी की लाहरी बाई ने भी जी-20 सम्मेलन में अपना स्टॉल लगाया है।

श्री अन्न का यह बीज बैंक विदेशों से आए प्रतिनिधियों के आकर्षण का केन्द्र बन गया है।

प्रदेश में कृषि के क्षेत्र Blue wheat farming में नवाचार जारी हैं, इसमें भी हम रिकार्ड बनाएंगे।

 

नीले गेहूं की खेती से होगी तगड़ी कमाई

काले गेहूं के बाद अब नीले गेहूं की खेती Blue wheat farming में भी किसानों के लिए कमाई की अपार संभावनाएं नजर आ रही हैं।

इसकी खेती साधारण गेहूं की तरह से ही होती है, इसमें कोई विशेष विधि अभी तक सामने नहीं आई है लेकिन इसका बीज विशेष तकनीक से तैयार किया गया।

उत्तरप्रदेश के कृषि विभाग ने किसानों के लिए चैन्नई से नीले गेहूं के बीज मंगवाए हैं।

इसके बाद यूपी के भदोही में कुछ जागरूक किसानों ने नीले गेहूं की खेती की शुरूआत की।

इससे इन किसानों को नीले गेहूं की फसल Blue wheat farming में साधारण गेहूं और काले गेहूं से भी ज्यादा कमाई की संभावनाएं नजर आईं।

इसमें सेहत के कई खास गुण होने से इसकी डिमांड विदेशों तक में हो रही है।

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