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बाढ़ एवं कीट-रोगों से हुए नुकसान का किसानों को दिया जायेगा मुआवजा

 

कीट-रोग एवं बाढ़ से हुई क्षति पूर्ति मुआवजा

 

देश में मानसून सीजन समाप्ति की ओर है एवं किसानों की खरीफ फसलें खेतों में लगभग तैयार हो चुकी है परन्तु इस वर्ष कई क्षेत्रों में अधिक बारिश से बाढ़ की स्थिति के चलते किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है | इसके आलावा समय पर बारिश न मिलने के चलते खरीफ फसलों में कीट एवं रोग लगने से भी किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ था | फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा एक दल को भेजा गया था | मध्यप्रदेश में सर्वे का काम पूर्ण हो चूका है अब सिर्फ किसानों को सहायता राशि मिलने का इन्तजार है |

 

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में बाढ़ एवं कीट-व्याधि से प्रभावित हुए किसानों को हर हालत में पूरी सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। किसानों को उनकी खराब हुई पूरी फसल का मुआवजा दिलाया जाएगा। यद्यपि प्रदेश में कोविड संकट के चलते अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब है, परंतु किसानों की मदद में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

 

प्रदेश को पर्याप्त सहायता राशि उपलब्ध करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं अन्य मंत्रीगण से अनुरोध किया गया है। इसके लिए शीघ्र ही प्रदेश के मंत्रियों एवं अधिकारियों का दल केंद्र सरकार में फॉलोअप के लिए भेजा जाएगा। किसानों को यथाशीघ्र पर्याप्त सहायता राशि मिलेगी।

 

किसान बिल्कुल चिंता न करें, मध्यप्रदेश सरकार पूरी तरह से उनके साथ है। मंत्रालय में प्रदेश में बाढ़ एवं कीट-व्याधि से फसलों को हुए नुकसान की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने यह बात कही|

 

लगभग 40 लाख हेक्टेयर में क्षति, 4000 करोड़ रुपए संभावित मुआवजा

भारत सरकार द्वारा फसलों की 33 प्रतिशत या अधिक क्षति होने पर मुआवजा दिया जाता है, जबकि राज्य सरकार द्वारा 25 प्रतिशत या अधिक क्षति पर ही किसानों को मुआवजा उपलब्ध कराया जाता है। प्रदेश में बाढ़ एवं कीट व्याधि से लगभग 40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें प्रभावित हुई हैं, जिनके लिए लगभग 4,000 करोड़ रुपए का मुआवजा संभावित है। गत वर्ष प्रदेश में लगभग 60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें खराब हुईं थी तथा किसानों को 2000 करोड़ रुपए का मुआवजा वितरित किया गया था।

 

प्रदेश में बाढ़ एवं कीट से फसलों का 39 लाख 95 हजार हेक्टेयर रकबा प्रभावित हुआ है। इसमें से 37 लाख हेक्टेयर रकबे में 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। केंद्र सरकार से 34 लाख 87 हजार हेक्टेयर रकबे में फसलों को हुए नुकसान के लिए 2487 करोड़ 21 लाख रुपए की सहायता राशि की मांग की गई है।

 

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फसलों की क्षति का सर्वे कार्य पूर्ण

प्रदेश में फसलों को हुई क्षति का सर्वे कार्य पूर्ण हो गया है। इस संबंध में केंद्र सरकार का दल भी प्रदेश आया था, जो सर्वे कर वापस चला गया है। मुख्य सचिव श्री बैंस ने बताया कि केंद्रीय सर्वे दल ने फसलों की क्षति के सर्वे के दौरान प्रदेश में रिकॉर्ड कीपिंग के कार्य को परफेक्ट माना।

 

 

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