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दाल उद्योग ने मंडी शुल्क पचास पैसे करने का अनुरोध किया

 

ऑल इण्डिया दाल मिल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान से प्रदेश में मंडी शुल्क पचास पैसे प्रति सैकड़ा करने का अनुरोध किया है, ताकि मंडी में कृषि उपज की आवक बढ़े और किसानों को भी उचित दाम मिल सके.

 

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दाल मिल एसोसिएशन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में अध्यक्ष श्री सुरेश अग्रवाल ,उपाध्यक्षद्वय श्री सुभाष गुप्ता ,श्री अनिल सुरेका और सचिव दिनेश अग्रवाल ने कहा कि भारत सरकार के नए मंडी कानून के अनुसार म.प्र.की मंडियों में माल की आवक बढ़ाने के लिए वर्तमान मंडी शुल्क 1 .70 रु. प्रति सैकड़ा को घटाकर 0 .50 पैसे किया जाना चाहिए, क्योंकि मंडी के अंदर व्यापार करने पर यह शुल्क लग रहा है , जबकि मंडी के बाहर कारोबार करने पर मंडी शुल्क से छूट दी गई है .इस कारण मंडियों में आवक कम हो गई है .जिसका व्यापार पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है .

 

किसानों को भी अपनी कृषि उपज बेचने निजी स्थानों पर जाना पड़ रहा है .मंडी शुल्क कम करने से मंडियों में आवक बढ़ेगी .एसोसिएशन ने कर्नाटक सरकार का उदाहरण दिया जहां मंडी शुल्क डेढ़ रुपए से घटाकर 35 पैसे प्रति सैकड़ा कर दिया गया है .

 

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इसी तरह एसोसिएशन ने मंडी शुल्क के साथ 1976 से 20 पैसे प्रति सैकड़ा निराश्रित शुल्क को औचित्यहीन बताते हुए इसे भी बंद करने की मांग की है , क्योंकि मंडियों में जो भी कृषि उपज खरीदी जाती है , उस पर उक्त दोनों शुल्क चुकाकर ही व्यापार किया जाता है .

 

इस संबंध में पूर्व सांसद श्री कृष्णमुरारी मोघे ने मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान से चर्चा की है , जिसमें उन्होंने आश्वस्त किया है कि सरकार कृषि उपज व्यापार और किसानों के हित में शीघ्र ही निर्णय लेगी.

 

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