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सरकार ने रबी फसलों के समर्थन मूल्य में की भारी वृद्धि

देश में रबी फसलों की बुआई का समय हो गया हैजिसको देखते हुए केंद्र सरकार ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी वुधबार 18 अक्टूबर के दिन रबी विपणन वर्ष 2024-25 के लिए सभी प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP की घोषणा कर दी है।

जिससे किसान सरकारी खरीद में मिलने वाले भाव के हिसाब से फसलों का चयन कर बुआई कर सकें।

 

समर्थन मूल्य MSP 2024

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन सीजन 2024-25 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP में वृद्धि को मंजूरी दे दी है।

एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दाल (मसूरके लिए 425 रुपये प्रति क्विंटल और इसके बाद रेपसीड एवं सरसों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी दी है।

वहीं गेहूं और कुसुम में से प्रत्येक के लिए 150 रुपये प्रति क्विंटलजौ और चने के लिए क्रमश:115 रुपये प्रति क्विंटल और 105 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है।

 

अब रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या हो गया है?

May be an image of 1 person, calendar, newspaper and text that says "केंद्रीय कैबिनेट का फैसला दिनांक 18/10/2023 देश के किसानों के हित में मोदी सरकार का बड़ा फैसला केंद्रीय कैबिनेट ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में की वृद्धि MSP प्रति क्चिंटल RMS 2024-25 ₹2,275 MSP प्रति क्िंटल RMS 2023- 24 ₹2,125 फसल गेहू जौ चना ₹1,735 ₹1,850 ₹5,335 ₹5,440 ₹6,000 वृद्धि ₹150/क्चिंटल ₹115/ /क्चिंटल ₹105/क्चिंटल ₹425/ क्चिंटल 200/क्चिंटल ₹150/क्चिटल ₹6,425 ₹5,450 मसूर सरसों कुसुम ₹5,650 RMS Rabi Market Season ₹5,650 ₹5,800 f/narendrasinghtomarbjp/ /stoma /bjpnstomar /NadghTomar nstomar @NarendraSinghTomarBJP"

 

MSP बढ़ने से किसानों को लागत पर कितना मुनाफा मिलेगा?

केंद्र सरकार के तरफ से केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि सरकार ने किसानों को लागत का 50 प्रतिशत से अधिक का मुनाफे के साथ समर्थन मूल्य जारी किए हैं।

अखिल भारतीय औसत उत्पादन लागत पर अपेक्षित लाभ गेहूं के लिए 102 प्रतिशतरेपसीड और सरसों के लिए 98 प्रतिशतमसूर के लिए 89 प्रतिशतचने के लिए 60 प्रतिशतजौ के लिए 60 प्रतिशत और कुसुम के लिए 52 प्रतिशत है।

रबी फसलों की इस बढ़ी हुई एमएसपी से किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होगा और फसल विविधिकरण को प्रोत्साहन मिलेगा।

 

फसलों की लागत में क्याक्या जोड़ा गया है?

सरकार फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य उसकी लागत के अनुसार तय करती है।

केंद्र सरकार ने सभी फसलों की औसत लागत को समर्थन मूल्य में जोड़ा है।

जिसमें किराए के मानव श्रमबैल श्रम / मशीन श्रमभूमि में पट्टे के लिए भुगतान किया गया किरायाबीजउर्वरकखादसिंचाई शुल्क जैसे सामग्री इनपुट के उपयोग पर किए गए खर्चउपकरणों एवं कृषि संबंधी भवनों पर मूल्यह्रासकार्यशील पूंजी पर ब्याजपंप सेट आदि के संचालन के लिए डीजल/बिजलीविविध खर्च और पारिवारिक श्रम का आरोपित मूल्य को शामिल किया गया है।

बता दें कि सरकार खाद्य सुरक्षा बढ़ानेकिसानों की आय में वृद्धि करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए तिलहनदलहन और श्रीअन्न/मोटे अनाजों की उपज बढ़ाने के क्रम में फसल विविधीकरण को बढ़ावा दे रही है।

सरकार के अनुसार विपणन सीजन 2024-25 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की हैताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके।

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