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फसलों में खरपतवार नियंत्रण के आधुनिक विकल्प

फसलों में खरपतवारों का प्रकोप होने से लगभग 65 प्रतिशत उपज में नुकसान हो सकता है। उचित समय पर उचित ढंग से खरपतवारों का नियंत्रण करके फसल की उपज में वृद्धि की जा सकती है।

खरपतवारों का नियंत्रण कर्षण, यांत्रिकी, रसायनों तथा जैविक विधि आदि का प्रयोग करके किया जा सकता है। प्रत्येक फसल को खरपतवार मुक्त रखने के लिए कम से कम 25 दिन के अंतराल पर दो बार निराई-गुड़ाई की आवश्यकता होती है।

लेकिन इस विधि में लागत व समय अधिक लगता है। रसायनों की मदद से खरपतवारों का नियंत्रण जल्दी, कम लागत व समय अधिक लगता है।

रसायनों की मदद से खरपतवारों का नियंत्रण जल्दी, कम लागत में व प्रभावशाली ढंग से कया जा सकता है। अत: रसायनिक विधि आर्थिक दृष्टि से लाभकारी भी है। खरीफ व रबी फसलों से खरपतवार नियंत्रण के लिए प्रयोग किए जाने वाले विभिन्न रसायनों (शाकनाशियों) की विस्तृत जानकारी सारणी में दी गई है।

रसायनों के प्रयोग से पहले, प्रयोग के दौरान व प्रयोग के बाद में बरती जाने वाली मुख्य सावधानियां

  • नकली रसायनों की खरीददारी से बचने के लिए फसल के अनुसार सिफारिश किए गए रसायन को अधिकृत आपूर्ति केन्द्र से पक्के बिल के साथ ही खरीदें.
  • उचित शाकनाशी का चुनाव करके उचित समय पर उचित मात्रा का छिड़काव करें।
  • रसायन के साथ दिये गये दिशा निर्देशों को ध्यान पूर्वक पढ़कर पालन करें।
  • छिड़काव करने से पहले स्प्रे यंत्र को पूर्ण रूप से साफ करें व स्प्रे यंत्र फ्लैट फैन नोजल का प्रयोग करें।
  • छिड़काव करने से पहले स्प्रे यंत्र का व्यास ध्यान पूर्वक करें।
  • खेत में छिड़काव करने से लगभग आधा घंटे पहले तुले हुए रसायन को पानी में अच्छी तरह मिलाकर ही स्प्रे यंत्र में डालें।
  • रसायनों का छिड़काव पूरे खेत में समान रूप से करें (कहीं कम या ज्यादा न हो) और छिड़काव करने वाले व्यक्ति को पूरे खेत में एक समान गति से ही छिड़काव करना चाहिए।
  • रसायन का छिड़काव अच्छी तरह व समान रूप से करने के लिए नोजल व मिट्टी की सतह के बीच लगभग 50-60 सेंटीमीटर का फासला (दूरी) होना चाहिए।
  • हवाओं के प्रतिकूल दिशा की ओर कभी भी छिड़काव ना करें।
  • वर्षा की संभावना होने पर रसायनों का छिड़काव ना करें।
  • छिड़काव के समय छिड़काव करने वाले व्यक्ति का शरीर पूर्ण रूप से ढका हुआ हो।
  • छिड़काव के समय धूम्रपान व किसी खाने वाली वस्तु का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • छिड़काव के बाद स्नान कर लेना चाहिए और शाकनाशी रसायनों के खाली डिब्बों को इधर-उधर ना फेंके उनको या तो जला दें या जमीन में दबा देना चाहिए जिससे कोई दुर्घटना होने की संभावना न हो।
  • छिड़काव के बाद स्प्रे यंत्र को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए।

 

source : krishakjagat