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काला गेहूं की बुवाई, 4000 से 6000 रुपए प्रति क्विंटल मिलेगा उपज का भाव

 

आधुनिक समय में खेती करने का तरीका काफी बदल गया है.

अब किसान नई किस्म की बुवाई करके काफी अच्छी पैदावार हासिल कर रहे हैं और अधिक से अधिक मुनाफ़ा भी कमा रहे हैं. खेती की इन नई तकनीक में काला गेहूं भी शामिल है. हालांकि, मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश के गिने-चुने किसान ही काला गेहूं की खेती कर रहे हैं, लेकिन अब राज्य के कई जिलों में धीरे-धीरे काला गेहूं की फसल की बुवाई का रकबा बढ़ रहा है. अगर रायबरेली की बात करें, तो पिछले साल महज 8 किसानों ने काला गेहूं की खेती की थी, लेकिन इस साल लगभग 100 से अधिक किसानों ने काला गेहूं की बुवाई की तैयारी शुरू कर दी है.

 

इसकी खेती की खासियत यह है कि फसल का न सिर्फ उत्पादन अधिक होता है, बल्कि यह बाजार में 4 से 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से बिकता है, जो कि अन्य गेहूं की फसल से दोगुना है.

काला गेहूं की खेती 

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि मौजूदा समय काला गेहूं की बुवाई (Black Wheat Sowing) के लिए उपयुक्त है. इसकी खेती के लिए खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए. किसान 30 नवंबर तक की इस गेहूं की बुवाई आसानी से कर सकते हैं. अगर इसकी बुवाई देर से की जाए, तो फसल की पैदावार में कमी आ जाती है. जैसे-जैसे बुवाई में देरी होती है, वैसे-वैसे गेहूं की पैदावार में गिरावट आ जाती है.

 

काला गेहूं की बुवाई 

किसानों को काला गेहूं की बुवाई (Black Wheat Sowing)  सीडड्रिल से करनी चाहिए. इससे उर्वरक और बीज की अच्छी बचत की जा सकती है. बता दें कि काला गेहूं की उत्पादन सामान्य गेहूं की तरह ही होता है. इसकी पैदावार 10 से 12 क्विंटल बीघे होती है. किसान बाजार से बीज खरीद कर बुवाई कर सकते हैं. यह सीजन इसकी बुवाई के लिए उपयुक्त माना जाता है.

 

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Source : कृषि जागरण

 

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