डेयरी, मांस प्रसंस्करण और पशु आहार सयंत्र हेतु लोन
कोविड–19 के बाद रोजगार के क्षेत्र में आई कमी को देखते हुए भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत योजना की शुरुआत की है।
योजना के अनुसार सभी प्रकार के उत्पाद देश में उत्पादित बनाये जाने पर जोर दिया गया है। जिससे यहाँ के लोगों को मुनाफा के साथ ही रोजगार उपलब्ध हो सके। इसके अंतर्गत ग्रामीण भारत तथा किसनों से जुड़े रोजगार पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जा रहा है।
आत्मनिर्भर भारत के अन्तर्गत केंद्र सरकार के द्वारा डेयरी, पशु आहार तथा मांस पैकेजिंग के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
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यह योजना किसान तथा कृषि क्षेत्र से जुडी हुई है जो ग्रामणी भारत के अनुकूल भी है। योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने राज्य के किसानों तथा सूक्ष्म और लघु उद्यमियों को योजना के लाभ प्राप्त देने के लिए आवेदन मांगे हैं।
योजना के लिए कम ब्याज पर 50 करोड़ रूपये तक का भी लोन जारी किया जायेगा।
750 करोड़ रूपये का क्रेडिट गारंटी फंड की स्थापना की जायेगी
मध्य प्रदेश के पशुपालन विभाग के अपर सचिव श्री जे. एन. कंसोटिया ने बताया कि केंद्र शासन द्वारा 750 करोड़ रूपये की क्रेडिट गारंटी फंड की स्थापना की जायेगी , जिनका प्रबंधन नाबार्ड करेगा।
क्रेडिट गारंटी फंड केवल उन्हीं परियोजनाओं को दिया जायेगा जो व्यवहारिक होंगी। पात्र हितग्राही को ऋण सुविधा का अधिकतम 25 प्रतिशत कवरेज मिलेगा। फंड की कुल राशि 15 हजार करोड़ का वितरण 3 वर्ष की अवधि में अनुसूचित बैंकों द्वारा किया जायेगा।
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डेयरी, मांस प्रसंस्करण एवं पशु आहार सयंत्र के लिए पात्रता
आत्मनिर्भर योजने के लिए राज्य किसान उत्पादक संगठन, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उधोग, निजी कम्पनियाँ और व्यक्तिगत उधमी आदि योजना का लाभ उठा सकते हैं। हितग्राही तीन प्रतिशत ब्याज सबवेंशन के लिये अनुसूचित बैंक परियोजना प्रस्ताव केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी विभाग को ऑनलाइन भेजेंगे।
केन्द्र शासन द्वारा गठित प्रोजेक्ट सेंक्शन और प्रोजेक्ट एप्रुवल कमेटी निर्धारित मापदंडों के अनुसार ब्याज सबवेंशन और क्रेडिट गारंटी की स्वीकृति देगी। 50 करोड़ रुपये तक के प्रस्ताव प्रोजेक्ट एप्रुवल कमेटी और 50 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव प्रोजेक्ट सेंक्शन कमेटी मंजूर करेगी।
योजना के अंतर्गत 90 प्रतिशत तक का लोन दिया जायेगा
आत्मनिर्भर योजना के अन्तर्गत पात्र हितग्राही को कम ब्याज पर बैंक से ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।
हितग्राही को 10 से 25 प्रतिशत का मार्जिन मनी रखा गया है। शेष 75 से 90 प्रतिशत तक का ऋण बैंक उपलब्ध कराएगी। हितग्राही के लिए सरकार ने 3 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन दिया जायेगा। योजना के अनुसार 50 करोड़ रूपये तक प्रस्ताव प्रोजेक्ट सेंक्शन कमेटी मंजूरी करेगी
डेयरी, मांस प्रसंस्करण एवं पशु आहार सयंत्र के लिए यहाँ से करें आवेदन
प्रसंस्करण स्थापित करने के इच्छुक हितग्राहियों को बैंक में आवेदन देने के पहले आवश्यक भूमि की व्यवस्था करनी होगी।
परियोजना प्रस्ताव में दूध, मांस और पशु आहार के लिए गुणवत्ता प्रबंधन इकाई की स्थापना, पैकेजिंग इकाई और उत्पाद के प्रचार का उल्लेख जरुरी होगा। आवश्यक होने पर हितग्राही सिडबी (भारतीय लघु उधोग विकास बैंक) के उधमी मित्र पोर्टल पर उपलब्ध एजेंसियों से परामर्श भी ले सकेंगे। हितग्राही सिडबी के उधमी मित्र पोर्टल के माध्यम से परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे।
स्त्रोत: किसानसमाधान
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