राज्य सरकार देगी पशुपालन पर 42 लाख रुपये तक का लोन और सब्सिडी

किसानों-पशुपालकों के लिए सुनहरा मौका

‘डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना’ न केवल दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने का माध्यम बनेगी, बल्कि यह राज्य के पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है.

यदि आप पात्रता की शर्तें पूरी करते हैं, तो यह योजना आपके लिए आर्थिक प्रगति और स्थायी आय का एक बेहतरीन जरिया बन सकती है.

किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के प्रयास में मध्य प्रदेश सरकार लगातार कई तरह की स्कीमों पर काम कर रही है.

इसी क्रम में राज्य सरकार ने हाल ही में डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना’ की शुरुआत की, जिसके तहत दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही पशुपालक भी आत्मनिर्भर बनेंगे.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में जानकारी दी कि प्रदेश के 50% गांवों को दूध संग्रहण नेटवर्क से जोड़ने की रणनीति पर काम हो रहा है. इसके लिए यह सरकारी पहल काफी मददगार साबित होगी.

ऐसे में आइए आज के इस आर्टिकल में हम डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना’ से जुड़ी हर एक जानकारी के बारे में यहां विस्तार से जानते हैं ताकि किसान इसका सही से लाभ उठा पाएं.

 

25 दुधारू पशुओं पर मिलेगा 42 लाख रुपये तक लोन

इस योजना के तहत पशुपालकों को 25 दुधारू पशुओं की एक इकाई स्थापित करने के लिए अधिकतम 42 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा.

खास बात यह है कि इस लोन पर 33% तक सब्सिडी भी दी जाएगी. सब्सिडी राशि लाभार्थी को एकमुश्त मिलेगी और उस पर किसी प्रकार का ब्याज नहीं देना होगा.

 

कौन ले सकता है योजना का लाभ?

  • इस योजना का लाभ मध्य प्रदेश के स्थायी निवासी ही उठा सकते हैं.
  • लाभार्थी की उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए.
  • डेयरी फार्मिंग से संबंधित प्रशिक्षण किसी सरकारी या मान्यता प्राप्त संस्था से लेना अनिवार्य है.
  • लाभार्थी के पास कम से कम 3.50 एकड़ कृषि भूमि होनी चाहिए. परिवार की साझा जमीन का उपयोग भी अनुमत है, बशर्ते अन्य सदस्यों की सहमति हो.

 

प्राथमिकता किन्हें मिलेगी?

  • जो पशुपालक पहले से दुग्ध संघ को दूध सप्लाई कर रहे हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी.
  • योजना के तहत लाभार्थी अधिकतम इकाइयां (यानी 200 दुधारू पशु) तक ले सकता है.
  • वह उन्नत नस्ल की गाय, संकर गाय या भैंस में से किसी को भी अपनी आवश्यकता के अनुसार चुन सकता है.
  • एक लोन चुकता करने के बाद ही दूसरा लोन लिया जा सकेगा, और दोनों लोन के बीच कम से कम दो साल का अंतर जरूरी होगा.

 

सब्सिडी और भुगतान की शर्तें
  • योजना के अंतर्गत SC/ST वर्ग के लिए 33% और अन्य वर्गों के लिए 25% तक सब्सिडी दी जाएगी.
  • यह सब्सिडी साल की लॉक-इन अवधि के बाद एकमुश्त दी जाएगी.
  • लोन का वितरण चार चरणों में किया जाएगा.
  • चयन प्रक्रिया पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर होगी और ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है.
  • लाभार्थी अपने लोन को निर्धारित अवधि से पहले भी चुका सकता है.

 

सरकार की तैयारी

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि राज्य सरकार किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए गंभीर है.

इसी उद्देश्य से अब तक राज्य में 381 नई दुग्ध सहकारी समितियां बनाई जा चुकी हैं, जिससे करीब 9,500 दुग्ध उत्पादक जुड़े हैं.

ऑनलाइन आवेदन जल्द शुरू होंगे, इसलिए तैयार रहें और इस अवसर का लाभ जरूर उठाएं.

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