साथ ही किसानों को देगी 1000 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि
किसानों को फसल विविधीकरण खासकर मोटे अनाज (श्री अन्न) की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं।
इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार राज्य में पहली बार किसानों से कोदो और कुटकी की उपज खरीदने जा रही है। इसके लिए मंत्री परिषद ने मंजूरी प्रदान कर दी है।
मंगलवार 14 अक्टूबर के दिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
मंत्री-परिषद द्वारा प्रमुख कोदो-कुटकी उत्पादक जिलों के किसानों से पहली बार कोदो-कुटकी का उपार्जन किये जाने का निर्णय लिया है, जिससे अधिक से अधिक जनजातीय किसानों को फायदा मिलेगा।
कोदो और कुटकी की खरीद “रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना” के अंतर्गत की जाएगी।
इसके लिए प्रमुख कोदो-कुटकी उत्पादक जिलों जबलपुर, कटनी, मण्डला, डिंडोरी, छिंदवाडा, शहडोल, अनुपपुर, उमरिया, रीवा, सीधी एवं सिंगरौली के किसानों से कोदो-कुटकी का उपार्जन किया जायेगा।
साथ ही अन्य जिलों से मांग आने पर उन जिले के किसानों से भी उपार्जन किये जाने पर विचार किया जायेगा।
जाएगी 1000 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि
श्रीअन्न उत्पादक जिलों के किसानों से श्रीअन्न कंसोर्टियम ऑफ फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (श्रीअन्न फेडरेशन) द्वारा कोदो-कुटकी का उपार्जन किया जायेगा।
खरीफ 2025 में उत्पादित श्रीअन्न कुटकी 3500 रुपये प्रति क्विंटल एवं कोदो 2500 रुपये प्रति क्विंटल के मान से लगभग 30 हजार मेट्रिक टन का उपार्जन किया जायेगा।
इसके लिए श्रीअन्न फेडरेशन को 80 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण शासन के मूल्य स्थिरीकरण कोष से प्रदान किए जाएँगे।
इसके अतिरिक्त किसानों को प्रोत्साहन राशि के रूप में 1000 रुपये प्रति क्विंटल के मान से संबंधित किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से प्रदान किये जाएँगे।
सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना को मिली स्वीकृति
14 अक्टूबर के दिन हुई मंत्री परिषद की बैठक में भावांतर योजना को भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
खरीफ वर्ष 2025 में प्रदेश के सोयाबीन के किसानों को लाभांवित किये जाने के लिए भारत सरकार की प्राईज डिफिसिट पेमेन्ट स्कीम लागू की गयी है, जो प्रदेश में भावांतर योजना कहलायेगी।
प्रदेश में सोयाबीन भावांतर योजनांतर्गत 24 अक्टूबर, 2025 से 15 जनवरी, 2026 तक सोयाबीन का विक्रय, राज्य की अधिसूचित मंडियों में किया जायेगा।
प्रदेश की मंडियों में 14 दिवस के सोयाबीन के विक्रय मूल्य के Weighted औसत के आधार पर सोयाबीन के मॉडल रेट की गणना की जायेगी।
न्यूनतम समर्थन मूल्य से विक्रय दर/मॉडल रेट अंतर की राशि पंजीकृत किसानों के पोर्टल पर दर्ज बैंक खाते में डी.बी.टी. के माध्यम से अंतरित की जायेगी। बता दें कि इस बार सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 5238 रूपये है।