मछली पालन को मिलेगा उद्योग का दर्जा
मध्यप्रदेश के उज्जैन में राज्य स्तरीय निषादराज सम्मेलन एवं प्रशिक्षण 12 जुलाई के दिन आयोजन रखा गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा कई घोषणाएं की एवं मछली पालन को उद्योग का दर्जा देने की बात कही।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि मछली पालन के लिए मछुआरा समुदाय के लोगो को गहरे पानी में अपने जीवन को खतरे में डालकर खेती करना होता है, यह एक साहसपूर्ण कार्य है।
उन्होंने बताया कि मछुआरा कल्याण बोर्ड द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है, मछली पालन भी एक उद्योग है और इसे भी बाकि उद्योगों की तरह कई प्रकार की सुविधाएँ प्रदान की जाएगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 02 करोड़ 65 लाख की लागत से स्मार्टफिश पार्लर का भूमि पूजन और इंदिरा सागर बांध में 92 करोड़ की लागत से 3360 के परियोजना का वर्चुअल भूमि पूजन किया।
राज्य सरकार मछली पालन पर अनुदान देगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि मछली पालन पारंपरिक कार्य के साथ साथ एक उद्योग है इसमें इन्वेस्टमेंट और उत्पादन के साथ साथ युवा वर्ग के लिए रोजगार के दरवाजे तेजी से खुलेंगे।
भोपाल में अत्याधुनिक एक्का पार्क (मछलीघर) का 40 करोड़ लागत से निर्माण हो रहा है, इस पर सरकार मछुआरो को सब्सिडी देगीराज्य।
सरकार ने सिंचाई का एरिया बढ़ाया है, जिससे मछुआरो को भी लाभ मिल रहा है।
पहले 7 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई हो रही थी जो कि अब बढ़कर 55 लाख हेक्टेयर पर पहुँच गई है।
पारवती कालीसिंध चम्बल लिंक परियोजना से सिंचाई का रकबा 100 लाख हेक्टेय तक जायेगा और इससे बनने वाले तालाबो में मछली पालन का साधन होगा।
आइस बॉक्स लगी मोटरसाइकिले दी गई
सम्मलेन ने डॉ मोहन यादव द्वारा 430 मोटरसाइकिले मछुआरे भाइयो को बांटी गई, जिनमे आइस बॉक्स लगे हुये है।
वर्तमान में 4.4 लाख हेक्टेयर में मछली पालन का काम हो रहा है, राज्य में 2024-25 में मछली का उत्पादन 3.81 लाख मीट्रिक टन रहा।
मध्यप्रदेश में 02 लाख से भी ज्यादा रजिस्टर्ड मछली पालक है, जिनमे महिलाएं सबसे आगे है।
मुक्ख्य्मंत्री ने कहा कि मछली बिज बनाने हेतु हैचरी का निर्माण २१७ करोड़ की लागत से होगा।
सरकार द्वारा मछली उत्पादन और दूध उत्पादन में राज्य को आगे बनाने के लिए काम किया जा रहा है।
आने वाले समय में मछली पालन करने के लिए मशीनों को उपयोग में लेकर स्टार्टअप शुरू हो रहे है।

