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स्टेकिंग विधि से करें सब्जियों की खेती, उत्पादन के साथ-साथ बढ़ जाएगी कमाई

मिलेगा अधिक मुनाफा

 

परंपरा से हटकर जो किसान इस विधि से संब्जी उत्पादन कर रहे हैं, वे पारंपरिक तरीके से खेती करने वाले किसानों की अपेक्षा ज्यादा उत्पादन ले रहे हैं जिससे उनकी आय भी बढ़ रही है.

तो आइए जानते हैं कि स्टेकिंग विधि है क्या और इससे खेती कैसे होती है.

 

खेती-किसानी को फायदे का सौदा बनाने के लिए किसान अक्सर नई तकनीक और विधियों का प्रयोग करते हैं.

इन्हीं एक विधियों में स्टेकिंग विधि भी है. इस  विधि से किसान सब्जियों की खेती करते हैं और इससे बढ़िया मुनाफा भी कमाया जा सकता है.

ये विधि बहुत सफल हुई बड़ी संख्या में किसान इसे अपना रहे हैं.

 

परंपरा से हटकर जो किसान इस विधि से संब्जी उत्पादन कर रहे हैं, वे पारंपरिक तरीके से खेती करने वाले किसानों की अपेक्षा ज्यादा उत्पादन ले रहे हैं जिससे उनकी आय भी बढ़ रही है.

तो आइए जानते हैं कि स्टेकिंग विधि है क्या और इससे खेती कैसे होती है.

 

स्टेकिंग विधि क्या है?

इस विधि में बांस के सहारे तार और रस्सी का जाल बनाया जाता है. इस पर पौधों की लताएं फैलाई जाती हैं.

किसान बैंगन, टमाटर, मिर्च, करेला, लौकी समेत कई अन्य सब्जियों की खेती कर सकता है.

कई गांव के किसानों स्टेकिंग विधि से सफलतापूर्वक खेती कर रहे हैं, क्योंकि इस विधि में फसल एकदम सुरक्षित रहती है.

इस तरह बाजार में फसलों का दाम भी अच्छा मिलता है.

 

स्टेकिंग विधि कैसे अपनाएं

  • अगर किसान इस विधि से सब्जियों की खेती करना चाहता है, तो सबसे पहले मेड़ के किनारों पर लगभग 10 फीट की दूरी पर 10 फीट ऊंचे बांस के डंडे खड़े कर दें.
  • इसके बाद डंडों पर 2-2 फीट की ऊंचाई पर लोहे का तार बांध दें.
  • अब पौधों को सुतली की सहायता से तार पर बांध दिया जाता है, ताकि पौधे का विकास ऊपर की ओर बढ़ता रहे.
  • इस तरह पौधों की ऊंचाई 8 फीट तक की हो जाती है. इसके सात ही पौधा मज़बूत होकर बेहतर फल देता है.

 

स्टेकिंग विधि से फायदा
  • इस विधि से टमाटर, बैंगन, मिर्च, करेला जैसी फसलों को सड़ने से बचाया जा सकता है, क्योंकि इन फसलों को सहारा देना जरूरी होता है.
  • लताएं वाले पौधे फलों के ज्यादा को भार सहन नहीं कर पाते हैं. ऐसे में स्टेकिंग विधि पौधों को सहारा देती है.
  • अगर नमी की अवस्था में फल मिट्टी के पास रहेंगे, वह सड़ जाएंगे. ऐसे में यह विधि फलों को सुरक्षित रखती है.
  • इस विधि से पौधों को टूटने से रोका जा सकता है.

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