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सरकार सभी किसानों से MSP पर खरीदेगी तुअर उड़द और मसूर

देश को दलहन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार किसानों को दलहन फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इस कड़ी में किसानों को दलहन फसलों का उचित दाम मिल सके इसके लिए सरकार ने शत प्रतिशत MSP तुअर, उड़द और मसूर की उपज खरीदने का निर्णय लिया है।

ऐसे में किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए सरकार ने किसानों के पंजीयन के लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया है।

 

किसानों को करना होगा ऑनलाइन पंजीयन

इस कड़ी में 21 जून के दिन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली के कृषि भवन में विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक आयोजित की।

बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार फसल विविधीकरण सुनिश्चित करने तथा दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर तुअर, उड़द और मसूर की खरीद करने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

किसानों को करना होगा ऑनलाइन पंजीयन

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के पंजीकरण के लिए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) तथा भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) के माध्यम से ई-समृद्धि पोर्टल शुरू किया गया है तथा सरकार पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से एमएसपी पर इन दालों की खरीद करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक किसानों को इस पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि वे सुनिश्चित खरीद की सुविधा का लाभ उठा सकें।

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2027 तक दलहन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा भारत

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश इन तीनों फसलों के उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं है और 2027 तक आत्मनिर्भरता हासिल करने का लक्ष्य है।

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया है कि 2015-16 से दालों के उत्पादन में 50 प्रतिशत की वृद्धि करने के लिए राज्यों के प्रयासों की सराहना की, लेकिन प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाने और किसानों को दालों की खेती के लिए प्रेरित करने के लिए और अधिक प्रयास करने का आह्वान किया।

उन्होंने इस तथ्य की सराहना की कि देश ने मूंग और चना में आत्मनिर्भरता हासिल की है और उल्लेख किया कि देश ने पिछले 10 वर्षों के दौरान आयात पर निर्भरता 30 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दी है।

राज्यों से केंद्र के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया ताकि भारत न केवल खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बने बल्कि दुनिया की खाद्य टोकरी भी बने।

 

आदर्श दलहन ग्राम योजना की दी जानकारी

कृषि मंत्री ने मौजूदा खरीफ सीजन से शुरू की जा रही नई आदर्श दलहन ग्राम योजना के बारे में जानकारी दी।

मंत्री ने राज्य सरकारों से अनुरोध किया कि वे चावल की फसल कटने के बाद दालों के लिए उपलब्ध परती भूमि का उपयोग करें।

कृषि मंत्री ने राज्य सरकारों से तुअर की अंतर-फसल को भी जोरदार तरीके से अपनाने को कहा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को एक-दूसरे के साथ अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना चाहिए और इसके लिए दौरे किए जाने चाहिए।

देश में दालों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता को देखते हुए यह बैठक बुलाई गई थी, ताकि आयात को कम किया जा सके।

बैठक में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, बिहार, तेलंगाना जैसे प्रमुख दाल उत्पादक राज्यों के कृषि मंत्री मौजूद थे।

राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के माध्यम से केंद्र द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

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