जर्सी गाय से लाखों की कमाई करें पशुपालक, रोजाना देती है 12 से 15 लीटर दूध

इस गाय का रंग हल्का पीला होता है जिसपर सफेद रंग के चित्ते बने रहते हैं.

किसी-किसी गाय का रंग हल्का लाल या बादामी भी होता है. आइए जानते हैं क्यों खास है जर्सी गाय.

 

जर्सी गाय

खेती-किसानी के बाद, भारतीय किसानों की आय का सबसे बड़ा स्त्रोत पशुपालन होता है.

किसान घर में गाय, भैंस, बकरी पाल कर पशुपालन में पैसे कमाते हैं. इनमें भी सबसे ज्यादा पशुपालक गायों कापालन करते हैं.

अगर आप भी पशुपालक हैं और गाय पालने की सोच रहे हैं तो आपको जर्सी गाय पालनी चाहिए.

विशेषज्ञ पशुपालकों को सबसे ज्यादा जर्सी गाय पालन की सलाह देते हैं. जर्सी गाय एक दिन में 12 से 15 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है.

 

कैसे करें जर्सी गाय की पहचान?

इस गाय का रंग हल्का पीला होता है जिसपर सफेद रंग के चित्ते बने रहते हैं.

किसी-किसी गाय का रंग हल्का लाल या बादामी भी होता है. वहीं, इस गाय का सिर छोटा होता है, पीठ और कंधे एक लाइन में होते हैं.

इस गाय के सींग लंबे नहीं होते हैं और ना ही इनकी पीठ पर कूबड़ होता है.

 

किस तापमान में रह पाती हैं जर्सी गाय?

जर्सी गाय ठंडे तापमान में खुद को अच्छी तरह ढालती हैं. गर्म तापमान में जर्सी गाय को खुद को ढालना मुश्किल हो जाता है.

ठंडी जलवायु में जर्सी गाय अच्छा दूध उत्पादन देती है.

इसलिए विशेषज्ञ इस गाय के लिए अनुकूल तापमान वाली परिस्थितियां बनाने की सलाह देते हैं.

जहां आमतौर पर देसी गाय 30-36 महीने में पहला बच्चा देती है. वहीं, जर्सी गाय 18-24 महीने में पहला बच्चा दे देती हैं.

भारतीय गाय के मुकाबले ये गाय अपने पूरे जीवन में 10 से 12 या फिर कभी-कभी 15 से अधिक बछड़ों को भी जन्म देती है.

यही वजह है कि पशुपालकों के लिए इस गाय का पालन करना मुनाफे का सौदा होता है.

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