मध्यप्रदेश : 8682 रुपए प्रति क्विंटल पर होगी मूंग की खरीद

19 जून से शुरू होंगे पंजीयन

ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की खरीदी के लिए किसानों की पंजीयन प्रक्रिया 19 जून 2025 से शुरू की जाएगी।

केंद्र सरकार द्वारा ग्रीष्मकालीन मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 8682 रूपये प्रति क्विंटल और उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 7400 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित है।

किसानों को उनकी उपज के उचित मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि की MSP पर की जाती है।

इस कड़ी में किसानों की माँग को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने भी राज्य में समर्थन मूल्य पर मूंग और उड़द की फसल खरीदने का निर्णय लिया है।

इसके लिए सरकार ने ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है।

किसानों से समर्थन मूल्य पर मूंग और उड़द की खरीद के लिए 19 जून 2025 से पंजीयन शुरू किए जाएँगे।

सरकार ने इस संबंध में विभाग एवं एजेंसियों को निर्देश जारी कर दिये गये हैं।

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा ग्रीष्मकालीन मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 8682 रूपये प्रति क्विंटल और उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 7400 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित है।

सरकार द्वारा केन्द्र को भेजे गये प्रस्ताव में किसानों का पंजीयन, उपार्जित फसल की गुणवत्ता, परिवहन, भुगतान के साथ प्रचार-प्रसार की कार्य-योजना भी प्रेषित की गई है।

 

एमपी में ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द का उत्पादन

प्राप्त जानकारी के अनुसार एमपी के 36 जिलों में मई महीने के तृतीय सप्ताह से जून महीने के पहले सप्ताह तक मूंग फसल की कटाई की जाती है।

वहीं 13 जिलों में मई महीने के तृतीय सप्ताह से जून महीने के प्रथम सप्ताह तक उड़द की कटाई की जाती है।

प्रदेश में मूंग का संभावित क्षेत्राच्छादन 14.35 लाख हेक्टेयर एवं संभावित उत्पादन 20.23 लाख मीट्रिक टन है।

इसी प्रकार उड़द का संभावित क्षेत्राच्छादन 0.95 लाख हेक्टेयर एवं संभावित उत्पादन 1.24 लाख मीट्रिक टन है।

 

MSP पर मूंग और उड़द बेचने के लिए किसान पंजीयन कैसे करें

  • न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग और उड़द बेचने के लिए किसानों को पंजीयन के लिये किसान की फसल का नाम,
  • आधार नंबर,
  • बैंक खाता नंबर,
  • आईएफसी कोड सहित
  • भूअधिकार ऋण पुस्तिका की स्व-प्रमाणित छायाप्रति संलग्न करना होगी।

बैंक खाता राष्ट्रीयकृत बैंक एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखा का होना अनिवार्य है।

सिकमी/बटाई किसान को पंजीयन के लिये आवेदन के साथ सिकमी के अनुबंध की स्व-प्रमाणित प्रति संलग्न करना होगी।

किसानों से ग्रीष्मकालीन मूंग-उड़द की उपार्जित मात्रा के भुगतान के लिये कम्प्यूटराईज प्रिंटेड रसीद उपार्जन करने वाली संस्था द्वारा प्रदान की जायेगी जिसमें किसान का नाम, बैंक खाता क्रमांक तथा भुगतान योग्य राशि का विवरण होगा।

इस रसीद पर उपार्जन केन्द्र प्रभारी के हस्ताक्षर भी किये जाएँगे।

 

उपार्जन केंद्र पर किसानों को मिलेगी यह सुविधाएं

उपार्जन केन्द्रों पर किसानों की सुविधा के लिये व्यवस्था उपार्जन समिति की होगी, जो केन्द्र पर किसानों के बैठने के लिये छायादार स्थान, साफ पीने के पानी, शौचालय एवं फर्स्ट बॉक्स सुविधा उपलब्ध करायेगी।

उपार्जन किये जाने वाले खाद्यान की गुणवत्ता परीक्षण के लिये आवश्यक उपकरण की व्यवस्था भी होगी। इसके लिये विस्तृत प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।

उपार्जन केन्द्र पर एक बैनर लगाया जायेगा, जिसमें केन्द्र का नाम, एफएक्यू गुणवत्ता का मापदण्ड और भुगतान का उल्लेख होगा।

जिन उपार्जन केन्द्रों पर अत्यधिक खरीदी की संभावना होगी, उन केन्द्रों पर अतिरिक्त कर्मचारियों की व्यवस्था की जायेगी।

साथ ही निर्धारित केन्द्रों पर लैपटॉप, प्रिन्टर, बैटरी आदि को चालू अवस्था में रखा जायेगा।

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