सामान्यतः सितम्बर के दूसरे पखवाड़े से देश में मानसून की विदाई का दौर शुरू हो जाता है लेकिन इस साल मानसून की विदाई देरी से होने की संभावना है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD की मानें तो इस सप्ताह के मध्य से पश्चिमी राजस्थान और गुजरात के कच्छ इलाके से मानसून की विदाई शुरू हो सकती है लेकिन बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से देश के अनेक हिस्सों ख़ासकर मध्य भारत में बारिश का एक दौर और शुरू हो सकता है।
मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान
मौसम विभाग के मुताबिक आगामी सप्ताह में पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 23 से 25 सितम्बर के दौरान और पश्चिम मध्य प्रदेश और विदर्भ क्षेत्र में 24 से 25 सितम्बर के दौरान भारी बारिश हो सकती है।
वहीं उड़ीसा में 22 से 23 सितम्बर, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 22 से 25 सितम्बर, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में 23 से 25 सितम्बर के दौरान भारी बारिश हो सकती है।
हालाँकि देश के अधिकांश हिस्सों में इस दौरान कुछ क्षेत्रों को छोड़ दिया जाए तो अधिक बारिश नहीं होगी।
10 अक्टूबर तक जारी रहेगी बारिश
नवरात्रि यानि की दुर्गा पूजा के दिनों के दौरान भी देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश की संभावना है। इसका कारण है देश के प्रमुख हिस्सों से मानसून की वापसी में देर होना।
वर्तमान में उत्तर पश्चिम भारत में थोड़ी कम बारिश की गतिविधि के कारण पश्चिम राजस्थान और कच्छ क्षेत्रों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी 23 सितम्बर तक शुरू हो सकती है।
हालाँकि IMD के विस्तारित पूर्वानुमान (ERF) के अनुसार 23 सितंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने के कारण मध्य भारत जिसमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र शामिल है, में बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
निम्न दबाव के क्षेत्र की संभावित गति की वजह से 27 सितम्बर से 10 अक्टूबर के दौरान मध्य भारत और महाराष्ट्र यहाँ तक कि पुणे में भी बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
क्योंकि एक और प्रणाली बनने और इसके उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ने की संभावना है। इसके बाद बारिश की गतिविधियों में कुछ कमी आयेगी।
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