सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को दी मंजूरी

100 जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” को 6 सालों के लिए मंज़ूरी दे दी है।

योजना का क्रियान्वयन देश भर के 100 जिलों में किया जाएगा।

देश में विभिन्न फसलों का उत्पादन बढ़ाने के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई नई योजनाओं की शुरुआत की जा रही है।

इस कड़ी में आज यानि बुधवार, 16 जुलाई के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्री मंडल ने 6 सालों के लिए प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना को मंजूरी दे दी है।

यह योजना वर्ष 2025-26 से देशभर के 100 जिलों में लागू होगी। यह योजना नीति आयोग के आकांक्षी जिला से प्रेरणा लेकर तैयार की गई है।

प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादकता में बढ़ोतरी, फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने, कटाई के बाद पंचायत और प्रखंड स्तर पर भंडारण क्षमता में वृद्धि, सिंचाई सुविधा में सुधार और दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता को सुगम बनाना है।

योजना की घोषणा वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में की गई थी। योजना का क्रियान्वयन 11 विभागों की 36 मौजूदा योजनाओं, राज्यों की अन्य योजनाओं और निजी क्षेत्र की स्थानीय भागीदारी में किया जाएगा।

 

इस तरह होगा 100 जिलों का चयन

योजना के तहत 100 जिलों का चयन कम उत्पादकता, कम फसल सघनता और अल्प ऋण वितरण के आधार पर किया जाएगा।

जिसमें प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में जिलों की संख्या शुद्ध फसल क्षेत्र प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में जिलों की संख्या शुद्ध फसल क्षेत्र (वह कुल क्षेत्रफल, जहां किसी कृषि वर्ष में वास्तव में फसलें उगाई जाती हैं) और परिचालन जोत के हिस्से पर आधारित होगी।

इस योजना में प्रत्येक राज्य में कम से कम एक जिले का चयन किया जाएगा।

 

धन-धान्य योजना का क्रियान्वयन ऐसे होगा?

योजना के प्रभावी नियोजन, क्रियान्वयन और निगरानी के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समितियां गठित की जाएंगी।

जिला धन धान्य समिति द्वारा जिला कृषि एवं संबद्ध गतिविधि योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। समिति में प्रगतिशील किसान भी सदस्य होंगे।

जिले की योजनाएं फसल विविधीकरण, जल एवं मृदा स्वास्थ्य संरक्षण, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता तथा प्राकृतिक एवं जैविक खेती को विस्तार देने जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप होगी।

प्रत्येक धन धान्य जिले में योजना में प्रगति की निगरानी मासिक आधार पर डैशबोर्ड के माध्यम से 117 प्रमुख कार्य निष्पादन संकेतकों के अनुसार की जाएगी।

नीति आयोग भी जिला योजनाओं की समीक्षा और मार्गदर्शन करेगा। इसके अलावा, प्रत्येक जिले में नियुक्त केंद्रीय नोडल अधिकारी भी नियमित आधार पर योजना की समीक्षा करेंगे।

 

धन-धान्य योजना से मिलेंगे यह लाभ

सरकार के मुताबिक योजना से इन 100 जिलों में लक्षित परिणामों में सुधार के साथ देश के प्रमुख संकेतकों के मुकाबले समग्र औसत वृद्धि होगी।

योजना के परिणामस्वरूप उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी, कृषि और संबद्ध क्षेत्र में मूल्यवर्धन (उत्पाद और सेवा में उन्नयन) होगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजित होंगे।

इस प्रकार इस योजना से घरेलू उत्पादन में वृद्धि तथा आत्मनिर्भरता हासिल होगी। इन 100 जिलों के संकेतकों में उत्तरोत्तर सुधार के साथ ही राष्ट्रीय संकेतकों में भी स्वतः ही वृद्धि हो जाएगी।

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