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ये लोग नहीं उठा पाएंगे 13वीं किस्त का फायदा

पीएम किसान सम्मान निधि

 

17 अक्टूबर को पीएम मोदी ने 12वीं किस्त के लिए 16 हजार करोड़ रुपये की राशि जारी की थी.

इससे 8 करोड़ किसानों को फायदा हुआ था.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवाली से पहले ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ की 12वीं किस्त जारी कर दी थी.

इससे देश के करोड़ों किसानों के खाते में 2000 रुपये पहुंचे थे.

अब किसानों ने पीएम किसान की 13वीं किस्त का इंतजार शुरू कर दिया है.

लेकिन 13वीं किस्त का लाभ इस बार बहुत सारे लोग नहीं उठा पाएंगे, क्योंकि केंद्र सरकार ने ई- केवाईसी अनिवार्य कर दिया है.

केंद्र सरकार का मानना है कि भारी संख्या में अपात्र किसान भी पीएम किसान सम्मान निधित के पैसे फर्जी तरीके से उठा रहे थे.

इससे सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ गया था. लेकिन, ई- केवाईसी अनिवार्य करते ही अब फर्जी किसानों की पहचान कर ली गई और वे पीएम किसान लिस्ट से बाहर हो गए हैं.

 

नाम काट दिए गए

दरअसल, बीते 17 अक्टूबर को पीएम मोदी ने 12वीं किस्त के लिए 16 हजार करोड़ रुपये की राशि जारी की थी.

इससे देश के 8 करोड़ किसानों को फायदा हुआ था. वहीं, केंद्र सरकार ने 11वीं किस्त के लिए 21 हजार करोड़ रुपए जारी किए थे.

तब 10 करोड़ किसानों के खाते में पैसे ट्रांसफर हुए थे.

हीं, ई- केवाईसी अनिवार्य करते ही फर्जी किसानों की संख्या में काफी कमी आई.

अकेले उत्तर प्रदेश में 21 लाख फर्जी किसानों के नाम काट दिए गए.

इसके अलावा दूसरे राज्यो में भारी संख्या में किसानों के नाम पीएम किसान लिस्ट से हटाए गए.

वहीं, जिन किसानों ने अभी तक ई- केवाईसी नहीं करवाया है, उन्हें इसका फायदा नहीं मिलेगा.

 

फायदा नहीं उठा सकते हैं

वहीं, पति और पत्नी भी एक साथ पीएम किसान योजना का फायदा नहीं उठा सकते हैं.

अगर ऐसा करते हुए पकड़े जाते हैं, तो उन्हें फर्जी करार दिया जाएगा. साथ ही उनसे पैसे भी वापस ले लिए जाएंगे.

इसके अलावा किसान परिवार में कोई टैक्स देता है तो उसे भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.

यानी पति- पत्नी में से कोई अगर इनकम टैक्स भरा है तो वे इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे.

साथ ही जो किसान जमीन किराए पर लेकर खेती करते हैं, वो भी पीएम किसान सम्मान निधि का फायदा नहीं उठा सकते हैं.

दरअसल, इस योजना का लाभ लेने के लिए जमीन का मालिक होना अनिवार्य है.

 

इन्हें नहीं मिलेगा लाभ

इसके अलावा डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, वकील, सरकार नौकरी करने वाले, प्रोफेसर और प्रोफेशनल जॉब करने वाले भी इस योगना का लाभ नहीं उठा पाएंगे.

इसके अलावा 10 हजार रुपये से अधिक मासिक पेंशन पाने वाले रिटायर्ट कर्मचारियों को भी इस योजना का फायदा नहीं मिलेगा.

बता दें कि इस योजना के तहत सीमांत किसानों को केंद्र सराकर एक साल में किस्तों में कर के 6000 रुपये देती है.

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