मध्य प्रदेश में उद्यानिकी क्षेत्र को और मजबूती देने के लिए राज्य सरकार नई योजनाओं पर काम कर रही है।
उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह ने हाल ही में विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक में हाईटेक नर्सरियों को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया।
लक्ष्य 15% हिस्सेदारी
उन्होंने निर्देश दिया कि इन नर्सरियों को सेल्फ सस्टेनेबल मॉडल पर विकसित किया जाए, जिससे ये अपनी आवश्यकताओं को खुद पूरा कर सकें।
इसके लिए प्रत्येक नर्सरी को आय आधारित एक रिवाल्विंग फंड उपलब्ध कराने की योजना है।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था में उद्यानिकी का योगदान
मंत्री श्री कुशवाह ने बताया कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में उद्यानिकी क्षेत्र की हिस्सेदारी 11.37% है, जिसे बढ़ाकर 15% तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि किसानों को पारंपरिक खेती के साथ उद्यानिकी फसलों की ओर प्रेरित करना जरूरी है।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि प्रदेश में उद्यानिकी क्षेत्र के सभी संबंधित सेक्टर की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए शीघ्र एक राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
इस कार्यशाला में किसानों को सरकार की योजनाओं और ऋण प्रकरणों की जानकारी देने के लिए बैंकर्स को भी बुलाया जाएगा।
श्री कुशवाह ने विभाग की फ्लैगशिप योजना ‘हाईटेक नर्सरी विकास’ की नियमित निगरानी के निर्देश दिए।
उन्होंने ग्वालियर जिले के खुरेरी गांव में विकसित हो रही हाईटेक फ्लोरीकल्चर नर्सरी के कार्य को जल्द शुरू करने को कहा।
इसके साथ ही ग्वालियर व्यापार मेले में खाद्य प्र-संस्करण पर आधारित प्रदर्शनी लगाने की योजना भी बनाई गई है।
खाद्य प्र-संस्करण यूनिट की स्थापना
बैठक में यह भी तय हुआ कि जिलों में उद्यानिकी फसल उत्पादन के आधार पर खाद्य प्र-संस्करण यूनिट स्थापित की जाएंगी। इसके लिए एक प्रभावी मॉडल विकसित किया जाएगा।
मंत्री ने निर्देश दिया कि एम.पी. एग्रो द्वारा गेंदे के साथ अन्य फूलों जैसे गुलदावदी, गिलार्डिया और एस्टर की दरें भी निर्धारित की जाएं।
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