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नरेंद्र मोदी सरकार की इस योजना से मिला 40 करोड़ किसानों को फायदा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए उस वक्त रामबाण का काम करती है,

जब प्राकृतिक आपदा की वजह से उनकी फसल बर्बाद हो जाती है.

 

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साल 2014 के बाद से देश में किसान संबंधित कई नीतियां बदली गई हैं.

कुछ को लेकर किसानों और सरकार के बीच मतभेद भी रहा तो कुछ को लेकर किसान खुश नजर आए.

ऐसी ही योजना साल 2016 में जब शुरू हुई तो उसे लेकर किसानों में गजब का उत्साह देखा गया.

दरअसल, किसान इस तरह की योजना का इंतजार लंबे समय से कर रहे थे.

अब इस योजना से देश के कम से कम 40 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचा है और ये आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही चला जा रहा है.

आपको बता दें हम जिस योजना की बात कर रहे हैं, वो है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना.

 

क्या कहती है केंद्र सरकार की रिपोर्ट?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर कृषि मंत्रालय की ओर से जो आंकड़े जारी किए गए हैं, उनके मुताबिक इस योजना के तहत अब तक 37 करोड़ किसानों को लाभ मिल चुका है.

जबकि साल 2023 में अब तक इससे तीन करोड़ 12 लाख किसान और जुड़ गए हैं.

तुलनात्मक दृष्टिकोण से देखें तो 2021-22 की तुलना में साल 2022-23 में इस योजना के तहत किसानों का नामांकन 17 फीसदी बढ़ा है.

आपको बता दें यह योजना साल 2016 में केंद्र सरकार द्वारा की गई थी.

इस योजना के प्रति किसानों को जागरुक बनाने के लिए कृषि मंत्रालय ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि वह पंचायत स्तर पर विशेष शिविर लगाएं और किसानों को जागरुक करें.

 

कब मिलता है किसानों को लाभ

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए उस वक्त रामबाण का काम करती है, जब प्राकृतिक आपदा की वजह से उनकी फसल बर्बाद हो जाती है.

दरअसल, किसी भी किसान भाई की फसल अगर किसी प्राकृतिक आपदा के कारण खराब या बर्बाद हुई है तो उसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की ओर से मुआवजा दिया जाता है.

अब सरकार इस योजना को और सरल बनाने के लिए प्रयास कर रही है और कोशिश की जा रही है कि किसानों द्वारा क्लेम किए जाने के एक हफ्ते के भीतर भीतर उन्हें उनका भुगतान कर दिया जाए.

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