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अप्रैल माह गुलाब की खेती करने वाले किसान इन बातों का रखें खास ध्यान

 

गुलाब एक ऐसा फूल है, जो दिखने में जितना अधिक सुन्दर होता है, उससे कहीं ज्यादा औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसे सबसे पुराना सुगन्धित फूल माना जाता है.

बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है, इसलिए देशभर के कई राज्यों में किसान गुलाब की खेती करते हैं. आमतौर पर गुलाब का पौधा ऊंचाई में 4 से 6 फुट का होता है. इसके तने में असमान कांटे लगे होते हैं. 

 

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इसके साथ ही गुलाब की 5 पत्तियां मिली हुई होती हैं. गुलाब का फल अंडाकार होता है, तो वहीं इसका तना कांटेदार, पत्तियां बारी-बारी से घेरे में होती है. इसकी पत्तियों के किनारे दांतेदार होती है.

इसकी की खेती उत्तर और दक्षिण भारत के मैदानीव पहाड़ी क्षेत्रों में जाड़े के दिनों में की जाती है. यानी अभी किसानों के खेतों में गुलाब लगा होगा.

 

ऐसे में किसानों को पौधे के विकास पर उचित ध्यान देना चाहिए, ताकि गुलाब की अच्छी पैदावार प्राप्त हो सके. इस संबंध में कृषि जागरण द्वारा गुलाब की खेती करने वाले सफल किसान रविन्द्र सिंह तेवतिया से बातचीत की गई, जो कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले हैं.

इस दौरान उन्होंने बताया कि मार्च और अप्रैल में गुलाब की खेती करने वाले किसानों को किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखना है.

 

मौसम बदलाव के समय सावधानी

रविन्द्र सिंह तेवतिया का कहना है कि जब मौसम में बदलाव होता है. यानी सर्दी से गर्मी के मौसम में प्रवेश करते हैं, तब पौधे का विकास हो रहा होता है.

ऐसे में पौधे में बुवाई के बाद खरपतवार उग आती है, क्योंकि बुवाई के बाद फसल को दैनिक सिंचाई की आवश्यकता होती है, इसलिए हर 1 से 2 महीने के बाद और फिर 3 से 4 महीने में खरपतवार को निकालना जरूरी होता है.

 

पौधों का कीट व रोगों से बचाव

मौसम बदलाव के कारण कई बार गुलाब में कई तरह के कीट और रोग का प्रकोप हो जाता है, इसलिए इसके बचाव के लिए पौधों पर सही कीटनाशकों का छिड़काव करना ज़रूरी होता है.

रविन्द्र सिंह ने बताया कि अक्सर गुलाब में थिप्स और माइट कीट का प्रकोप हो जाता है, इसलिए इस स्थिति में कीटनाशक का प्रयोग करना चाहिए.

 

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कीट की रोकथाम

  • गुलाब में कीट प्रबंधन के लिए खेत में सफाई बनाए रखें.
  • ग्रसित पौधे के भागों को नष्ट कर दें.
  • डाइमेथोएट 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के घोल का 10 से 15 दिन के अन्तराल पर छिड़क दें.
  • दीमक को नियंत्रित करने के लिए हर पौधे की मिट्टी में 10 से 15 ग्राम फोरट डालना चाहिए.

 

फूलों की छटाई

गुलाब की खेती में फूल की एक या दो पंखुडियां खिल जाए, तो फूल को पौधे से अलग कर देना चाहिए. इसके लिए तेज़ धार वाले चाक़ू या ब्लेड का इस्तेमाल करना चाहिए. फूल को काटने के तुरंत बाद पानी से भरे बर्तन में रख दें.

इसके बाद कोल्ड स्टोरेज में रख दें. इसका तापमान करीब 10 डिग्री तक होना चाहिए. इसके बाद फूलों की ग्रेडिंग की जाती है, जिसे कोल्ड स्टोरेज में ही पूर्ण किया जाता है. इसी को फूलों की छटाई भी कहा जाता है.

 

अन्य ज़रूरी बात

रविन्द्र सिंह तेवतिया का कहना है कि गुलाब की खेती में फूलों को बढ़ाने के लिए बर्ड कैप का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे आप फूलों को करीब 4 दिनों तक सुरक्षित रख सकते हैं.

 

गुलाब की खेती से मुनाफ़ा

गुलाब की खेती से मुनाफ़ा कमाना सीजन पर निर्भर करता है. रविन्द्र सिंह तेवतिया ने बताया कि मौजूदा समय में फूल 40 से 120 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है, जो कि अप्रैल में 100 से 150 रुपअ प्रति किलो तक पहुंच जाएगा.

बता दें कि अप्रैल मं शादी का सीजन शुरू हो जाता है. इसके अलावा फरवरी में फूलों की कीमत 500 रुपए प्रति किलो तक थी. इस तरह किसान गुलाब की खेती से अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं.

 

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स्त्रोत : कृषि जागरण 

 

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