म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गांव कनेरा गौड़ जैसीनगर में श्रीश्याम स्व सहायता समूह बनााया गया है, समूह की सचिव मोगबाई पटेल ने कम जोत की खेती में नायाब तरीके अपनाएं हैं, उनके पास 1.5 एकड़ खेत है, जो पहाड़ी ढलान पर मौजूद है. लेकिन वह उसमें सफलतापूर्वक मिश्रित खेती कर रही हैं.
मध्य प्रदेश में सरकार की योजनाएं महिला सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभा रही है. कुछ ऐसा ही राज्य के सागर जिले में देखने को मिल रहा है.
यहां की महिलाएं समूह से जुड़कर कृषि क्षेत्र में नवाचार अपनाकर गरीबी के चक्र से बाहर आ रही हैं और समूह के लोन के माध्यम से अपनी आमदनी बढ़ा कर घर-परिवार की जरूरतों को पूरा कर रही हैं.
इन महिलाओं को सरकार की ओर से योजनाओं से जोड़ा जा रहा है. म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गांव कनेरा गौड़ जैसीनगर में श्रीश्याम स्व सहायता समूह बनााया गया है, समूह की सचिव मोगबाई पटेल ने कम जोत की खेती में नायाब तरीके अपनाएं हैं, उनके पास 1.5 एकड़ खेत है, जो पहाड़ी ढलान पर मौजूद है.
परिवार संग मिश्रित खेती करती हैं मोगबाई
मोगबाई ने बताया कि ढलान पर बने खेत पर खेती करना मुश्किल था.
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और इस खेत में ही खेती का मन बनाया और परिवार की मदद से खेत में पत्थर बोल्डर जमाकर हिमालयी प्रदेशों की तरह सीढ़ीनुमा स्ट्रक्चर तैयार किया. खेत में पत्थरों की मेढ़ों को अरहर अमरूद, आम, बेर, सेम गिलकी आदि से कवर किया.
वह अपने खेत में मिक्स्ड क्रॉपिंग सिस्टम के तहत खेती कर रही हैं. मोगबाई ने अपने खेत में टमाटर, मटर, फूल, गेहूं, चना, अरहर आदि को साथ बोया है.
उहोंने अपने खेत में रासायनिक खाद और बाजार की दवा का इस्तेमाल पिछले साल से बंद कर रखा है.
जैविक उत्पादक सर्टिफिकेट के लिए किया अप्लाई
मोगबाई ने आजीविका मिशन के तहत 15 महिला किसानों के साथ बलराम जैविक उत्पादक प्रोड्यूसर ग्रुप बनाया हुआ है, जिसका जैविक खेती प्रमाणीकरण अभी प्रक्रिया के अधीन है.
उनके खेत छोटे होने के साथ ही अनियमित रूप से बने हुए हैं, जिसके चलते वह बैलों की मदद से खेती करती हैं.
मोगबाई एक फसल की कटाई के पहले दूसरी फसल की बुवाई कर देती हैं.
उन्होंने अपने खेत में ड्रिप और मल्चिंग की मदद से टमाटर लगाए थे, जिसकी फसल अब खत्म होने की कगार पर है. इससे पहले उन्होंने टमाटर के पौधों के पास मटर की बुवाई कर दी है.
इतनी उपज बेच चुका परिवार
उन्होंने पड़ोसी के खेत से मिलने वाले अपने खेत के मुहाने पर सेम की बेलें लगा रखी है, जिससे उन्हें तगड़ा उत्पादन मिल रहा है.
वह अब तक 5 क्विंटल सेम बेच चुकीं है और अधिक उत्पादन मिलना अभी भी जारी है.
मोगबाई के पति बाबूलाल पटेल ने बताया कि वह चालू वित्तीय वर्ष में 30 क्विंटल केंचुआ खाद, 7 क्विंटल मूगंफली, 25 क्विंटल आलू, 1 क्विटंल बेर, 50 क्विंटल टमाटर, 5 क्विंटल लौकी-गिलकी, 5 क्विंटल सेम, 2 क्विटल अमरूद बेच चुके हैं. उनके पास 7 पशु हैं, जिससे अच्छी आमदानी हो रही है.