मध्य प्रदेश सरकार के मुरैना में हनी प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, इस यूनिट के माध्यम से मधुमक्खियों का डंक निकालकर इसे मार्केट में अच्छी-खासी कीमत पर बेचा जाएगा.
इस यूनिट को लगाने में तकरीबन 4 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं.
70 लाख रुपये किलो तक कीमत
मधुमक्खी के डंक से आपने इंसानों को जान गंवाते हुए देखा होगा लेकिन ये डंक आपको मालामाल भी कर सकता है.
मधुमक्खी का जो डंक जहर और दर्द से भरा होता है, वही डंक 70 लाख रुपये में बिकने को तैयार है.
मध्य प्रदेश के मुरैना में इस डंक के प्रोसेसिंग के लिए यूनिट भी लगाया जा रहा है.
प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए 4 करोड़ रुपये होंगे खर्च
महात्मा गांधी सेवा आश्रम में लग रहे इस यूनिट पर 4 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. इससे संबंधित प्रकिया शुरू हो चुका है.
यहां लगने वाली शहद की प्रोसेसिंग यूनिट के द्वारा शहद की गुणवत्ता की जांच परख करने के बाद उसकी पैकिंग की जाएगी.
इसकी ब्रांडिंग भी की जाएगी. इसकी क्षमता 1.5 टन निर्धारित की गई है.
मधुमक्खी पालकों को किया जाएगा ट्रेंड
महात्मा गांधी सेवा आश्रम में शहद की यूनिट लग जाने के बाद इन मधुमक्खी पालकों को सबसे ज्यादा फायदा होगा.
इसके लिए बाकायदा मधुमक्खी पालकों को ट्रेंड भी किया जाएगा.
शहद के साथ-साथ महात्मा गांधी सेवा आश्रम में लगने वाली यूनिट में विशेष मशीन के माध्यम से मधुमक्खियों के डंक निकालने का काम भी किया जाएगा.
मधुमक्खी के डंक की राष्ट्रीय बाजार में बहुत डिमांड रहती है और राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 70 लाख रुपये तक बताई जा रही है.
उपयोग दवा बनाने में
बता दें कि मशीन के माध्यम से मधुमक्खी का डंक निकालने के बाद मधुमक्खी के जीवन पर कोई संकट नहीं आएगा.
मधुमक्खी के शहद से लेकर उसके छत्ते तक से निकलने वाले गोंद का उपयोग दवा बनाने में किया जाता है.
इस तरह महात्मा गांधी सेवा आश्रम में शहद की यूनिट लगने के बाद मधुमक्खी पालकों को काफी मुनाफा होना शुरू हो जाएगा.
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