किसानों के लिए केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकारें भी नई-नई घोषणाएं कर रही हैं।
केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए बजट के बाद राज्य सरकारों ने अपने बजट में किसानों को कई सौगातें दी हैं।
इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार ने अपने बजट 2023 में किसानों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण घोषणा की है जिसका इंतजार प्रदेश के लाखों ऋणी को था।
350 करोड़ रुपए का प्रावधान, लाखों किसानों को होगा लाभ
दरअसल मध्यप्रदेश सरकार की ओर से बजट में ऋणी किसानों को लाभ देते हुए उनके ऋण पर लगने वाले ब्याज को पूरी तरह से माफ करने की घोषणा की है ताकि बैंक की ओर से डिफाल्टर घोषित किए गए किसानों को दुबारा से बैंक से कर्ज मिल सके।
इसके लिए शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अपने बजट 2023 में 350 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
उम्मीद है कि प्रदेश सरकार के इस कदम से राज्य के लाखों किसानों को लाभ होगा।
ऋणी किसानों को मिलेगा ब्याज माफी योजना का लाभ
मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए बजट में कई घोषणाएं की हैं।
उनमें से सबसे महत्वपूर्ण घोषणा, किसान कर्ज माफी को को लेकर है जिसका प्रदेश के लाखों किसानों को इंतजार था।
बता दें कि साल 2018-19 में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और उसने राज्य के किसानों के 2 लाख रुपए तक के ऋण माफ करने की घोषणा की थी।
इसे तीन चरणों में पूरा किया जाना था, लेकिन इसी बीच कांग्रेस की सरकार गिर गई और प्रदेश के किसानों की कर्ज माफी का मामला अटक गया और किसानों की कर्ज माफी टल गई।
इस दौरान कई किसान ऋण माफी का इंतजार कर रहे थे और ऋण पर लगने वाले ब्याज को नहीं चुका पाने के कारण डिफाल्टर हो गये है।
ऐसे किसानों को बैंक से नया ऋण नहीं मिल पा रहा है।
लेकिन मध्यप्रदेश सरकार की इस ऋण ब्याज माफी योजना से डिफाल्टर किसानों को एक बार फिर से सहकारी बैंकों से बिना किसी ब्याज के कर्ज मिल सकेगा।
डिफाल्टर हुए लाखों किसानों को मिली राहत
मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के इस कदम से प्रदेश के लाखों किसानों को राहत मिलेगी जो अपने द्वारा लिये गए कृषि ऋण पर ब्याज बढ़ जाने से उसे चुका नहीं पा रहे हैं।
ऐसे में राज्य सरकार उनके ऋण पर लगने वाले ब्याज को खुद चुकाएगी ताकि डिफाल्टर हुए किसानों को राहत मिल सके और वे फिर से बैंक ऋण लेने के पात्र हो जाए।
राज्य सरकार की इस योजना का लाभ उठाकर किसान बिना ब्याज के बैंक से ऋण प्राप्त कर सकेंगे।
बता दें कि मध्यप्रदेश राज्य में डिफाल्टर किसानों पर करीब पांच से सात सौ करोड़ रुपए का कर्ज है।
प्राथमिक ऋण सहकारी समितियों के माध्यम से राज्य के लाखों किसान रबी और खरीफ सीजन के लिए ऋण लेते हैं और फसल बेचने के बाद इस ऋण को चुका देते हैं।
क्या है ऋण ब्याज माफी समाधान योजना
ऋण ब्याज माफी समाधान योजना राज्य सरकार ऐसे किसानों के कर्ज में राहत देगी जो ब्याज बढ़ने के कारण अपना कर्ज नहीं चुका पाएं हैं।
इसके लिए सहकारी बैंकों की ओर से वन टाइम सेटलमेंट किया जाएगा।
इसमें किसान द्वारा लिए गए कर्ज की मूल रकम को चुकाने पर उसे ब्याज माफी का लाभ दिया जाएगा।
किसान सिर्फ मूल रकम चुका कर अपने लिए गए कर्ज से मुक्त हो जाएंगे।
उनके द्वारा लिए गए बैंक ऋण पर जो ब्याज बकाया है उसका भुगतान राज्य सरकार बैंक को करेगी।
ऐसे में किसानों को इस योजना से काफी लाभ होगा। वे अपने पुराने लिए गए ऋण से मुक्त हो जाएंगे और साथ ही नया ऋण बैंक से ले सकेंगे।
कैसे मिलेगा किसानों को योजना का लाभ
- राज्य सरकार की ओर से हर रबी और खरीफ सीजन में किसानों बिना ब्याज के ऋण प्रदान किया जाता है।
- इसमें निर्धारित समय में कर्ज चुकाने वाले किसानों को ब्याज माफी का लाभ दिया जाता है।
- यदि किसान निर्धारित समय सीमा में ऋण नहीं चुका पाते तो उन्हें ब्याज माफी का लाभ नहीं मिल पाता है।
- इस कारण उनके लिए गए ऋण पर बैंक ब्याज वसूलता है।
- जब ब्याज अधिक हो जाता है और किसान ऋण नहीं चुका पाते हैं तो बैंक ऐसे किसानों को डिफाल्टर घोषित कर देता है।
- डिफाल्टर किसानों को बैंक ऋण नहीं देता है। इस स्थिति में गरीब और जरूरतमंद किसान अपनी कृषि संबंधी आवश्यकताओं के लिए बैंक से ऋण नहीं ले पाते हैं।
- ऐसे किसानों की समस्याओं देखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में ब्याज ऋण माफी समाधान योजना शुरू की है।
- इस योजना के तहत ऋणी किसान दो या तीन बार में अपनी मूलधन की रकम चुकाने की सुविधा दी जाती है।
- साथ ही उनके मूलधन पर जो ब्याज बकाया है उसे पूरी तरह से माफ किया जाता है।
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