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इस पेड़ की खेती से जल्द बन सकते हैं करोड़पति

महोगनी की खेती

 

भारत में महोगनी की खेती का चलन बेहद तेजी से बढ़ा है.

औषधीय गुणों से भरपूर होने की वजह से बाजार में इसकी लकड़ियों की कीमतों में तेजी से इजाफा हो रहा है.

उत्तर भारत के अलावा अब इसकी खेती दक्षिण के राज्यों में भी होने लगी है.

परंपरागत खेती में लगातार कम होते मुनाफे की वजह से अब किसान नई तरह की फसलों की खेती की तरफ रुख कर रहे हैं.

केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा भी किसानों को सहायता दी जा रही है.

 

जल्दी ही कराएगा करोड़ों की कमाई

अगर एक एकड़ जमीन में महोगनी के 100 से ज्यादा पेड़ लगाते हैं तो आप महज 12 साल में करोड़पति बन सकते हैं.

एक बीघा में इसे लगाने की लागत 40-50 हजार रुपये रुपये आती है. महोगनी का एक पेड़ 20 से 30 हज़ार का बिकता है.

ऐसे में आप अपने खेत में बड़े स्तर पर इसकी खेती कर करोड़ रुपये कमा सकते हैं.

भारत में महोगनी की खेती का चलन बेहद तेजी से बढ़ा है.

औषधीय गुणों से भरपूर होने की वजह से बाजार में इसकी लकड़ियों की कीमतों में तेजी से इजाफा हो रहा है.

 

उत्तर भारत में महोगनी के लिए अनुकूल है तापमान

 उत्तर भारत का तापमान इसकी खेती के लिए बेहद उपयुक्त मानी जाती है.

हालांकि, देश के दक्षिणी राज्यों में भी इसकी खेती बड़े पैमाने पर शुरू हो गई है. 

क्यों बढ़ रहा है इसकी खेती की ओर रुझान

आज किसान भाई इसकी खेती में रुचि ले रहे हैं इसलिए इसकी खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है हालांकि दोमट मिट्टी इसके लिए सर्वाधिक उपयुक्त है. 

महोगनी के पेड़ की खासियत है कि इसे बर्फबारी वाले क्षेत्र को छोड़कर किसी भी तापमान में उगाया जा सकता है.

इसकी लंबाई 40 से 200 फीट तक भी हो सकती है.

 

क्या है खासियत

अन्य पौधों के मुकाबले इस पौधे को देखभाल की आवश्यकता बेहद कम पड़ती है.

साथ ही इसे पानी की भी बेहद कम जरूरत होती है. गर्मियों के हर सप्ताह में दो बार पानी देना चाहिए.

लेकिन बाद में इसे इतने पानी की भी जरुरत नहीं पड़ती . इसे वसंत या बरसात के मौसम में पानी की आवश्यकता ही नहीं होती है.

 

बहुउपयोगी वृक्ष है महोगनी

बता दें महोगनी का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसके पत्तों को पत्तों को खाद के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

कैंसर, ब्लड प्रेशर, अस्थमा, सर्दी और मधुमेह सहित कई प्रकार के रोगों के खिलाफ भी ये प्रभावी है.

इसके अलावा यह पेड़ जिन जगहों पर लगाया जाता है, वहां मच्छरों की संख्या कम हो जाती है.

इसके पत्तों और छाल का उपयोग मच्छर मारने वाली दवाओं में भी उपयोग किया जाता है.

साथ ही इसका उपयोग इसकी सुंदरता, स्थायित्व, रंग, प्राकृतिक चमक, फर्नीचर, संगीत वाद्ययंत्र और जहाज के पुर्जों के लिए किया जाता है.

source : hindi.krishijagran

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