सुपारी में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो कई बीमारियों की रोकथाम में मददगार साबित होते हैं. मांग अधिक होने के कारण एवं अपने गुणों के कारण सुपारी बाजार (करें खेती) में अच्छी कीमतों पर बिकता है.
इसके पेड़ नारियल की तरह 50 से 60 फीट लंबे होते हैं. यह 5 से 8 सालों में फल देना शुरू कर देते हैं.
एक बार इसकी खेती करने के बाद आप लगातार 70 साल तक मुनाफा कमा सकते हैं.
सुपारी की खेती
पूरी दुनिया में सुपारी उत्पादन के मामले में भारत पहले स्थान पर काबिज है.
आंकड़ों के मुताबिक तकरीकबन पूरी दुनिया का 50 प्रतिशक सुपारी उत्पादन भारत में ही होता है.
इसका इस्तेमाल पान पान, गुटखा मसाला के रूप में किया जाता है.
वहीं भारतीय घरों में धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान भी सुपारी का उपयोग किया जाता है.
कहां करें सुपारी की खेती
सुपारी की खेती किसी भी तरह के मिट्टी पर की जा सकती है.
हालांकि दोमट चिकनी मिट्टी इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त है.
बता दें कि इसके पेड़ नारियल की तरह 50 से 60 फीट लंबे होते हैं. यह 5 से 8 सालों में फल देना शुरू कर देते हैं.
एक बार इसकी खेती करने के बाद आप लगातार तकरीबन 70 साल तक मुनाफा कमा सकते हैं.
रखें ये ध्यान
सुपारी के पौधों की खेती बीज से पौधे को तैयार करने यानी की नर्सरी तकनीक से करते हैं.
सबसे पहले बीजों को बीजो को क्यारियों में तैयार किया जाता है.
वहां पौधे के रुप में विकसित होने के बाद इसकी खेतों में रोपाई कर दी जाती है.
ध्यान रखें कि जिन खेतों में इसकी रोपाई की गई है, वहां जलनिकासी की व्यवस्था जरूर होनी चाहिए.
जलनिकासी के लिए खेतों में छोटी-छोटी नालियां भी बनाई जा सकती है.
बता दें कि मॉनसून की वजह से इनके पौधों को जुलाई में लगाना सबसे उपयुक्त होता है.
खाद के तौर पर गोबर की खाद और कम्पोस्ट का उपयोग कर सकते हैं.
इतना है मुनाफा
सुपारी के पौधें तकरीबन 5 से 8 सालों के बीच पैदावार देना शुरू कर देते.
इसके फलों की तुड़ाई तभी करें जब इसका तीन-चौथाई हिस्सा पक गया है.
बता दें बाजार में सुपारी अच्छे रेट पर बिकती है. इसकी कीमत तकरीबन 400 रूपए से लेकर 600 रूपए प्रति किलो तक होती है.
इस हिसाब से अग एक एकड़ में किसान सुपारी की खेती करते हैं तो बंपर मुनाफा कमा सकते हैं.
खेत में पेड़ों की संख्या के हिसाब से ये मुनाफा लाख से करोड़ तक पहुंच सकता है.
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