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क्या सच में ग्रामीण जीवन को तहस-नहस कर देगा कोरोना, जानिए भ्रम और सत्य

चीन से होते हुए दुनिया के लगभग हर देश में कोरोना वायरस कोहराम मचा चुका है, अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक इससे हजारों लोगों की जान जा चुकी है और कई देश इसकी चपेट में अभी भी फंसे हुए हैं।

नि:संदेह इसने हमारी अर्थव्यवस्था को भी हिला कर रख दिया है, तरह-तरह के लोग कई तरह की बातें कर रहे हैं।

सोशल मीडिया के सहारे अफवाहों का बाजार इस प्रकार गर्म है कि अच्छी खासी फसल और पैदावार को भी किसान जलाने लगे हैं. जिससे उन्हें ही नुकसान हो रहा है।

चलिए आपको बताते हैं कोरोना वायरस से जुड़े भ्रम और सत्य क्या हैं।

भ्रमः पालतू जानवरों से हो रहा है कोरोना

सत्यः इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि जानवरों के पास रहने से या उनके संपर्क में आने से कोरोना वायरस फैलता है।  गाय, भैंस, बकरी और भेड़ आदि जानवरों को पालने में कोई हर्ज नहीं है, हालांकि सफाई का ध्यान रखा जाना चाहिए।

 

भ्रमः मुर्गियों के सेवन से होता है कोरोना, इसका सेवन न करें

सत्यः मुर्गियों में किसी तरह का कोरोना वायरस नहीं है, इसलिए इसके सेवन से स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं है, सोशल मीडिया पर चल रही ऐसी किसी भी खबर पर भरोसा न करें।

 

भ्रमः गो मूत्र या गाय के गोबर से हो सकता है कोरोना का इलाज

सत्यः गाय से मिलने वाले उत्पाद नि:संदेह सेहत के लिए लाभकारी हैं, लेकिन इससे कोरोना का इलाज संभव नहीं है. ऐसे किसी भी झांसे में न आएं।

 

भ्रमः कुछ दिनों बाद सब बंद हो जाएगा, बाजार में नहीं मिलेगा कोई सामान
सत्यः 
दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी उत्पाद भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं। इस बारे में खुद प्रधानमंत्री मोदी देश को बता चुके हैं, इसलिए भगदड़ या जमाखोरी की कोशिश न करें।

source: KrishiJagran

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