कृषि विभाग, अलवर द्वारा किसानों से अधिकृत कृषि आदान विक्रेता से ही बीटी कपास के बीज खरीदने और उसका पक्का बिल लेने के लिए सलाह दी गई है।
कपास की बुआई का समय हो गया है, जहां देसी कपास की बिजाई का सही समय अप्रैल माह है तो वहीं किसान 20 अप्रैल से लेकर 15 मई के दौरान बीटी कपास की बुआई कर सकते हैं।
ऐसे में किसान कपास की फसल से अधिकतम पैदावार प्राप्त करने के लिए अच्छे बीज ले सकें इसके लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को कपास के बीज खरीदने को लेकर महत्वपूर्ण सलाह जारी की गई है।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक, अलवर, राजस्थान ने बताया कि बीटी कपास की बुवाई के लिए 20 अप्रैल से 15 मई तक का समय उचित रहेगा।
संयुक्त निदेशक पीसी मीणा ने किसानों से अनुरोध किया है कि वे अधिकृत कृषि आदान विक्रेता से ही बीटी कपास के बीज खरीद करें तथा उसका पक्का बिल अवश्य लें।
यदि कोई दुकानदार बीज का बिल देने से इनकार करता है तो उसकी जानकारी कृषि विभाग के कृषि पर्यवेक्षक को या किसी भी अन्य अधिकारी को दें।
बिना बिल के बीज लेने पर नकली बीटी कपास का बीज भी दिये जाने की संभावना रहती है
किसान इन जगहों से ना लें कपास के बीज
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक ने बताया कि कृषि आयुक्तालय से अधिकृत कम्पनी की बीटी किस्म का कपास ही खरीदे।
पिकअप या अन्य वाहनों में रखकर गांवों में नकली बीटी कपास बेचने वाले लोगों से बीज नहीं खरीदे।
कृषि आदान विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि कृषि आयुक्तलाय से शीघ्र ही कम्पनियों की किस्म की परमिशन जारी होने वाली है जब तक परमिशन जारी नहीं हो बीटी कपास के किसी भी कम्पनी की किसी भी किस्म का विक्रय नहीं करें।
यदि बिना अनुमति के कोई विक्रेता बीच बेचता पाया तो ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर बीज को जब्त किया जाएगा तथा वैधानिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, जिसके लिए संबंधित विक्रेता जिम्मेदार होगा।
क्या है कपास की बिजाई का सही समय
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा कपास की खेती के लिए जारी किए गए सुझाव के मुताबिक किसान नरमा की बिजाई अप्रैल में शुरू कर मध्य मई तक करें।
जून महीने में नरमा की बिजाई नहीं करना चाहिए। किसान बिजाई से पहले गहरा पलेवा लगाएँ, बिजाई सुबह या शाम के समय ही की जानी चाहिए।
किसान जहाँ तक हो पूर्व से पश्चिम दिशा में ही कपास की बिजाई करें, इससे अधिक लाभ होता है।
किसान खेत की तैयारी सुबह या शाम को ही करें खरपतवार के लिए स्टॉम्प 2 लीटर प्रति एकड़ का छिड़काव बिजाई के बाद या जमाव से पहले करें।
कृषि विश्वविद्यालय के मुताबिक वर्तमान में गुलाबी सुंडी के प्रति बीटी कपास का प्रतिरोधक बीज उपलब्ध नहीं है अतः किसान 3G, 4G एवं 5G के नाम से आने वाले बीजों से सावधान रहें।