भारत में धान खरीफ सीजन की मुख्य फसल है यहाँ तक कि कई राज्यों में किसान धान की खेती पर ही निर्भर रहते हैं। ऐसे में धान का बंपर उत्पादन प्राप्त कर किसान अधिक मुनाफा कमा सके इसके लिए किसानों को उनके क्षेत्र की जलवायु के अनुसार उन्नत किस्म का चयन करना जरुरी है।
ऐसे में जिन जगहों पर अधिक वर्षा, बाढ़ या जल जमाव की स्थिति रहती है वहाँ किसान बाढ़ प्रतिरोधी किस्म स्वर्णा सब-1 किस्म का चयन कर सकते हैं।
धान की उन्नत किस्म
धान की स्वर्णा सब 1 किस्म भी बाढ़ प्रतिरोधी किस्म है। इस किस्म के धान के पौधे 12 से 14 दिन तक पानी में डूबे रहने के बाद भी खराब नहीं होते हैं।
हालांकि डूबने के 10 दिन बाद इसकी पत्तियां मृत और मुरझाई हुई दिखाई देती हैं, लेकिन इस किस्म में उप-1 जीन की उपस्थिति के कारण, धान की खेती की यह किस्म बाढ़ संभावित और निचले क्षेत्रों के लिए उपयोगी है।
स्वर्णा सब 1 धान किस्म की खासियत
यह धान की एक अर्ध बोनी किस्म है जिसकी लंबाई 105 से 110 सेमी तक होती है। स्वर्णा सब 1 धान की फसल सीधी बुआई करने पर 140 दिनों में एवं रोपाई करने पर 145 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
इसका दाना मध्यम पतला होता है इससे 66.5 प्रतिशत अविभाजित चावल यानि हेड राइस प्राप्त होता है।
सामान्य स्थिति में धान की यह किस्म 4.5 से 5.5 टन प्रति हेक्टेयर तक की पैदावार देती है तो वहीं जलमग्नता की स्थिति में 3 से 4 टन प्रति हेक्टेयर तक की उपज देती है।
सीधी बुआई के लिए जून महीने का प्रथम पखवाड़ा सबसे उपयुक्त समय है वहीं रोपाई हेतु पौध तैयार करने के लिए क्यारी में जून के पहले सप्ताह में बुआई करना अच्छा रहता है।
वहीं बात की जाये बुआई के लिए बीज दर की तो किसान सीधी बुआई के लिए 60 से 70 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर एवं रोपाई के लिए 25 से 30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर लेना पर्याप्त रहता है।
कैसे करें इसकी खेती के लिए तैयारी
इसकी खेती के लिए किसान पिछली फसल की कटाई के तुरंत बाद या मानसून से पहले होने वाली वर्षा के दौरान ट्रैक्टर या बैल चालित हाल द्वारा खेत की जुताई करें।
इससे कीट तथा खरपतवार का प्रकोप कम होगा। खेत में बेहतर खरपतवार नियंत्रण तथा पोषक तत्वों की उपलब्धता के लिए 7 से 10 दिन के अंतराल में खेत को दो बार कीचड़दार करें।
पूरे खेत में एक समान पानी का स्तर बनाए रखने के लिए पाटा चलाकर खेत को समतल करें।
किसान जहां स्वर्णा की खेती करते हैं वहाँ स्वर्णा सब 1 की खेती भी की जा सकती है।
यह उथली निचली भूमियों तथा मध्यम भूमियों के लिए उपयुक्त है जहां खरीफ सीजन के दौरान फसल सामान्यतः अचानक आने वाली बाढ़ से प्रभावित होती है और 12 से 14 दिनों तक पानी में पूरी तरह डूब जाती है।
लेकिन धान स्वर्णा सब 1 किस्म उन क्षेत्रों के लिए अनुपयुक्त है जहां बाढ़ का पानी 15-20 दिनों से अधिक समय तक जमा रहता है।