मेंथा की खेती से होगी किसानों की जबरदस्त कमाई

कम समय में अधिक मुनाफा कमाने के लिए छोटे से लेकर बड़े किसान हर्बल पौधों की खेती कर रहे हैं. देश में हर्बल प्रोडक्ट्स की सबसे अधिक डिमांड रहती है, जिससे किसान जबरदस्त कमाई कर रहे हैं.

 

कम समय में मिलेगा 3 गुना मुनाफा

भारतीय किसानों के बीच हर्बल पौधों की खेती जोर पकड़ रही है. कम समय में अधिक मुनाफा कमाने के लिए छोटे से लेकर बड़े किसान हर्बल पौधों की खेती कर रहे हैं.

देश में हर्बल प्रोडक्ट्स की सबसे अधिक डिमांड रहती है, जिससे किसान अच्छा कमाई कर रहे हैं.

मेंथा (Mint) एक ऐसा पौधा है, जिससे सुगंधित इत्र और महंगी- महंगी दवाइयां बनाई जाती हैं.

पुदीना की खेती करके किसान कम समय में ही अधिक कमाई कर सकते हैं.

 

मेंथा की खेती

पुदीना की खेती करने के लिए किसानों की लागत बहुत कम आती है, जबकि इससे होने वाले मुनाफे की बात करें, तो किसान इसकी लागत से तीन गुना अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.

मेंथा की खेती करने से खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति में भी बढ़ोतरी होती है. आपको बता दें, उत्तर प्रदेश के बदायूं, बाराबंकी, रामपुर, पीलीभीत, सोनभद्र और फैजाबाद सहित कई जिलों में पुदीना की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.

 

सबसे बड़ा उत्पादक देश भारत

मेंथा जिसे किसानों के बीच मिंट और आम लोगों के बीच पुदीना नाम से पहचाना जाता है. इसका उपयोग दवाइयों में किया जाता है.

कई जगहों पर मिंट के तेल का इस्तेमाल करके ब्यूटी प्रोडक्ट्स, टूथपेस्ट और कैंडी को बनाया जाता है.

बता दें, भारत मेंथा के तेल का सबसे बड़ा उत्पादक देश है.

 

प्रति हेक्टेयर 100 लीटर तक तेल का उत्पादन

मेंथा की बुवाई के लिए फरवरी से लेकर अप्रैल तक के महीनों को सबसे उपयुक्त माना जाता है.

किसानों को मिंट की बुवाई करने से पहले खेतों की जुताई अच्छे से कर लेनी चाहिए.

किसानों को इसकी सिंचाई के लिए भी पूरी व्यवस्था करनी चाहिए. बुवाई के बाद जून के महीने में मेंथा की फसल की कटाई की जा सकती है.

बता दें, मिंट की खेती के लिए पानी की बेहद आवश्यकता होती है.

कटाई के बाद किसानों को इसकी फसल को धूप में सुखाना होता है और इसके बाद प्रोसेसिंग के द्वारा तेल निकाला जाता है.

किसान मेंथा की खेती से एक हेक्टेयर जमीन से लगभग 100 लीटर तक तेल का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.

 

तीन गुना मुनाफा

किसान अगर एक हेक्टेयर में मेंथी की खेती करते हैं, तो इसकी बुवाई में लगभग 25 हजार रुपये तक का खर्च आ जाता है.

भारतीय मार्केटों में मिंट के तेल का रेट लगभग 1000 से 1500 रुपये किलो है.

यदि आप इसके 100 किलो तेल का उत्पादन करते हैं, तो आसानी से लागत का 3 गुना मुनाफा हासिल कर सकते हैं.

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