सरकार द्वारा बनाये गये खरीद केंद्रों पर गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर खरीदी का काम शुरू हो चुका है। ऐसे में किसानों को सलाह दी जा रही है कि किसान स्लॉट बुक करके अपने गेहूं को बेचने के लिए मंडी में ले जायें।
किसान सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्यू मापदंडों के अनुसार ही गेहूं की उपज को मंडी में ले जायें ताकि उन्हें गेहूं बेचने में किसी तरह की परेशानी ना हो।
मंडी समितियों द्वारा भी किसानों के द्वारा लाये गये गेहूं की साफ सफाई की व्यवस्था की गई है।
गेहूं की साफ-सफाई
इस क्रम में उपार्जन केंद्रों पर किसानों द्वारा लाये गये नॉन एफएक्यू गेंहू के अपग्रेडेशन हेतु शुल्क का निर्धारण करने के लिए जबलपुर जिला आपूर्ति नियंत्रक एवं संयुक्त कलेक्टर नदीमा शीरी की अध्यक्षता में बुधवार को बैठक आयोजित की गई।
बैठक में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों एवं जिला उपार्जन समिति के सदस्यों से विस्तृत चर्चा के बाद लेबर चार्ज के रूप में 20 रुपये प्रति क्विंटल का शुल्क तय किया गया है।
गेहूं की सफाई के लिए देना होगा 20 रुपये शुल्क
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर आयोजित की गई इस बैठक में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया कि उपार्जन केन्द्र पर पंखा, छन्ना आदि की व्यवस्था की गई है।
पंजीकृत किसान द्वारा स्लॉट बुंकिग के बाद उपार्जन (न्यूनतम समर्थन मूल्य) केन्द्र पर लाया गया गेहूं अमानक पाए जाने पर पंजी में दर्ज किया जाएगा एवं किसान को अपग्रेडेशन कराने की सलाह दी जाएगी।
किसान द्वारा स्वयं भी अपग्रेडेशन कराया जा सकता है, जो कि निःशुल्क रहेगा।
किसान द्वारा स्वयं अपग्रेड कराने पर कोई राशि देय नहीं होगी।
किन्तु यदि किसान द्वारा स्वयं गेहूं का अपग्रेडेशन नहीं कराया जाता है एवं किसान उपार्जन संस्था के माध्यम से अपग्रेड कराना चाहता है तो लगने वाला लेबर खर्च उपार्जन नीति अनुसार किसानों को देना होगा।
जिसकी रसीद उपार्जन संस्था द्वारा किसान को दी जाएगी।
किसानों के प्रति क्विंटल गेहूं साफ-सफाई में लगने वाला लेबर खर्च अथवा अपग्रेडेशन दर पूरे जिले में एक समान रहेगी।
किसान द्वारा समिति के माध्यम से गेंहू के अपग्रेडेशन हेतु लेबर खर्च 20 रूपये प्रति क्विंटल राशि किसान द्वारा देय होगी।
जिसकी रसीद अनिवार्य तौर पर उपार्जन संस्था द्वारा किसान को दी जाएगी।