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सरकार ने बढ़ाई रासायनिक उर्वरकों की कीमत

 

किसानों ने कहा- फिर एमएसपी बढ़ाने से क्या फायदा हुआ

 

मध्य प्रदेश में रासायनिक खाद के दाम बढ़ाने के आदेश जारी किए गए हैं.

आने वाले दिनों में एमएसपी के अलावा दूसरी फसलों जैसे सब्जी और अन्य अनाज के दाम भी बढ़ सकते हैं.

बढ़े हुए दाम रबी की फसल के लिए 1 अक्टूबर 2021 से लागू होंगे.

 

एक ओर किसानों के लिए केंद्र सरकार ने एमएसपी बढ़ाकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की पहल की है तो वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश में उन पर खाद के बढ़े दामों का बोझा लादा जा रहा है.

किसानों का कहना है कि खाद के बढ़े दामों से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, हालांकि जानकारों का कहना है कि सरकार चाहती है कि किसान रासायनिक खाद के बजाए, नैनो यूरिया या प्राकृतिक (जैविक) खाद का इस्तेमाल शुरू करें.

 

मध्य प्रदेश में रासायनिक खाद के दाम बढ़ाने के आदेश जारी किए गए हैं.

आने वाले दिनों में एमएसपी के अलावा दूसरी फसलों जैसे सब्जी और अन्य अनाज के दाम भी बढ़ सकते हैं.

बढ़े हुए दाम रबी की फसल के लिए 1 अक्टूबर 2021 से लागू होंगे.

 

खाद पहले दाम (प्रति बैग) नए दाम (प्रति बैग)
एनपीके 12:32:16 1185 रुपए 1700 रुपए
एनपीके 10:26:26 175 रुपए 1475 रुपए
एनपीके 14:35:14 1230 रुपए 1550 रुपए
अमोनियम फास्फेट सल्फेट 20:20:0 1050 रुपए 1225 रुपए
डीएपी 1211 रुपए 1211 रुपए

 

नैनो डीएपी आने में समय लगेगा

फिलहाल डीएपी बाज़ार में उपलब्ध नहीं हो रही है. इसकी प्रमुख वजह है कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में डीएपी के दाम बढ़े हुए हैं.

सरकार डीएपी इंपोर्ट करती है और इस पर सरकार किसानों को सब्सीडी भी उपलब्ध कराती है.

लिहाज़ा एनपीके की अलग अलग किस्मों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है.

हालांकि एक वजह और भी है कि डीएपी का बेतरतीब इस्तेमाल होने से ज़मीन की उर्वरक क्षमका लगातार कम हो रही है, और सब्सीडी देने में सरकार पर आर्थिक रूप से काफी बोझ पड़ रहा है इसलिए सरकार इसका रिप्लेसमेंट यानि विकल्प भी चाहती है.

 

जहां तक नैनो डीएपी का सवाल है तो उसका ट्रायल चल रहा है, और इसे बाजार में आने में अभी कम से कम 1 साल का समय लगेगा.

परिणाम अच्छे रहे तो आने वाले दिनों में सरकार नैनो डीएपी को ही प्रमोट करेगी.

इससे पहले नैनो यूरिया तकनीक बाज़ार में लॉन्च हो चुकी है जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं.

 

एमएसपी से ज्यादा खर्च तो एनपीके का बढ़ जाएगा

खाद के प्रति बोरी दाम बढ़ाए जाने से किसानों की उत्पादन की लागत पर इसका सीधा असर पड़ेगा;

किसानों का कहना है कि एक ओर सरकार ने एमएसपी बढ़ाई है लेकिन दूसरी ओर किसान पर खाद का बोझ भी डाल दिया है.

मसलन अगर प्रति एकड़ बात की जाए तो उदाहरण के लिए सरकार प्रति एकड़ 17 क्विंटल गेहूं की खरीद करती है.

अब सरकार द्वारा बढ़ाए एमएसपी के अनुसार किसानों को 720 रुपए का फायदा होगा.

अब अगर प्रति एकड़ 4 बोरी एनपीके 12:32:16 इस्तेमाल किया तो करीब 2,000 रुपए किसान का खर्च बढ़ जाएगा.

अब इस गणित को किसान समझ नहीं पा रहा है कि उसे फायदा हुआ या नुकसान.

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