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कट चुकी है रबी फसल तो हरी खाद के लिए खेत में पलेवा करें किसान

 

कृषि वैज्ञानिकों ने दी सलाह

 

इस समय हरी खाद के लिए ढ़ैंचा, सनई अथवा लोबिया की बुवाई की जा सकती है.

बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है. हरी खाद से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है.

 

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा ने किसानों की मदद के लिए 19 अप्रैल तक के मौसम को देखते हुए कृषि संबंधी एडवाइजरी जारी की है.

कृषि वैज्ञानिकों ने बताया है कि रबी फसल यदि कट चुकी है तो उसमें हरी खाद के लिए खेत में पलेवा करें.

हरी खाद के लिए ढ़ैंचा, सनई अथवा लोबिया की बुवाई की जा सकती है. बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है.

हरी खाद से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है. ग्वार, मक्का, बाजरा, लोबिया आदि चारा फसलों की बुवाई इस सप्ताह कर सकते हैं.

बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है. बीजों को 3-4 सेंटीमीटर गहराई पर डालें और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25-30 सेमी रखें.

 

इन फसलो मे यह उपाय करें

वैज्ञानिकों ने बताया कि इस मौसम में बेलवाली सब्जियों और पछेती मटर में चूर्णिल आसिता रोग के प्रकोप की संभावना रहती है.

यदि रोग के लक्षण अधिक दिखाई दें तो कार्बंन्डिज्म@1 ग्राम/लीटर पानी दर से मौसम साफ होने पर छिड़काव करें.

इस मौसम में भिंडी की फसल में माईट कीट की निरंतर निगरानी करते रहें.

अधिक कीट पाये जाने पर इथेयान@1.5-2 मिली/लीटर पानी की दर से मौसम साफ होने पर छिड़काव करें.

प्याज की फसल में इस अवस्था में उर्वरक न दें अन्यथा फसल की वनस्पति भाग की अधिक वृद्धि होगी और प्याज की गांठ की कम वृद्धि होगी.

 

सब्जी फसलों में हल्की सिंचाई करें किसान

आने वाले दिनों में लू (गर्म हवा) की संभावना को ध्यान में रखते हुए सब्जियों, सब्जियों की नर्सरी, जायद फसलों तथा फलों के बगीचों में हल्की सिंचाई नियमित अंतराल पर करते रहें.

नर्सरी व पौधों को लू से बचाने के लिए अवरोधकों के उपयोग की सलाह दी जाती है.

अनाज को भंडारण में रखने से पहले भंडारघर की सफाई करें तथा अनाज को सुखा लें.

 

अनाज में न हो ज्यादा नमी

अनाज दानों में नमी 12 प्रतिशत से ज्यादा नही होनी चाहिए. भंडारघर को अच्छे से साफ कर लें.

छत या दीवारों पर यदि दरारें हैं तो इन्हे भरकर ठीक कर लें. बोरियों को 5 प्रतिशत नीम तेल के घोल से उपचारित करें.

बोरियों को धूप में सुखाकर रखें. जिससे कीटों के अंडे तथा लार्वा तथा अन्य बीमारियां आदि नष्ट हो जाएं.

किसानों को सलाह है कि कटी हुई फसलों तथा अनाजों को सुरक्षित स्थान पर रखें.

 

इन फसलों की बुवाई करें किसान

इस मौसम में तैयार गेहूं की फसल की कटाई की सलाह है.

 किसान कटी हुई फसलों को बांधकर रखे अन्यथा तेज हवा या आंधी से फसल एक खेत से दूसरे खेत में जा सकती है.

वर्तमान तापमान फ्रेंच बीन, सब्जी लोबिया, चौलई, भिंडी, लौकी, खीरा, तुरई आदि तथा गर्मी के मौसम वाली मूली की सीधी बुवाई के लिए अनुकूल है.

क्योंकि, बीजों के अंकुरण के लिए यह तापमान उपयुक्त है. बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है.

उन्नत किस्म के बीजों को किसी प्रमाणित स्रोत से लेकर बुवाई करें.

source : tv9hindi

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