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सोयाबीन की बोवनी कर चुके किसानों के लिए आवश्यक बातें

कृषि विशेषज्ञों से जानिए

 

एमपी में सोयाबीन की छुटपुट बोवनी हो चुकी है, बोवनी कर चुके किसानों के लिए यह बातें जानना आवश्यक है।

 

जून के आखिरी सप्ताह तक मध्य प्रदेश में मानसून पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया है हालांकि कई जिलों में बारिश होने के बाद सोयाबीन की बोवनी का कार्य हो चुका है।

ऐसे में अब किसान मानसून की राह देखने लग गए हैं।

मानसूनी बारिश के पश्चात बोवनी कर चुके किसानों के लिए कृषि विशेषज्ञों ने सलाह जारी की है।

सोयाबीन की खेती से अधिक लाभ कमाने के लिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार आगामी दिनों में क्या क्या कृषि कार्य करना चाहिए जानिए।

 

कीटनाशक के इस्तेमाल का तरीका

आपने अपने खेत में कौन सी वेरायटी लगाई है इसके हिसाब से कीटनाशक का इस्तेमाल करना चाहिए।

मान लिजिए यदि आपने सोयाबीन की बोनी 20 जून को की है तो इसके बाद 10 वे दिन क्लोरोपाइरीफोस नामक किटनाशक का छिडकाव किजिए यदि कई ऑरगेनिक करना चाहते है तो उसके लिए नीमार्क का इस्तेमाल करना चाहिए।

इसके बाद 25 से 30 दिन हो जाए तो 19:19:19 माईक्रोन्यूटियंस पर लिटर चार ग्राम को स्प्रे करना चाहिए।

इसके बाद अगला स्टेप 45 से 50 दिन के बाद जब पौधे में फूल लगता है जब आपको ५ प्रतिश फूल दिखना शुरू हो जाए तभी उसमें (4gm/Liter-12:61:00+Chlorophyriphos-2 ml/liter) का स्प्रे करना होता है।

जब 5 प्रतिशत फुल लगे तभी इसका इस्तेमाल करना चाहिए ज्यादा दिन होने से फूल झडने की संभावना बन जाती है।

 

फसल 70 दिन की होने के बाद क्या करें और क्या नहीं

किसानों को 70 दिनों के बाद आपको किसी भी तरह का कोई छिडकाव नहीं करना है।

70 दिनों की अवधि के पश्चात यदि कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं तो इससे फूल झड़ जाने की संभावना अधिक बढ़ जाती है इससे पैदावार निश्चित तौर पर कम हो जाएगी।

सबसे ध्यान देने वाली बात है कि यदि किटनाशक के अलावा उर्वरकों का भी ज्यादा प्रयोग हो गया तो वह भी फसल के लिए नुकसानदेह है।

आपको 70 दिन के बाद यह देखना है कि पौधे में जो फली लग रही है वह किस हिसाब से लग रही है व फूलो का आना क्या खत्म हो गया है।

यह सब बातें आपको ध्यान में रख कर आपको (5gm 00:52:34+M45, 2gm) पर लीटर के हिसाब से लेकर इसका छिडकाव करना है।

 

अंत में बारिश नहीं वह तो सिंचाई

सबसे आखरी में सीड्स के साईज व कलर, वेट के लिए उसमें किसानों को 80 दिन बाद थोडा सो पोटस देना उचित रहता है।

इसके लिए (7gm/Liter =00:00:50) पर लीटर 7 ग्राम के हिसाब से एक बार ही देना है।

यह काफी हेवी होता है इसलिए सिर्फ एक बार ही देना है पोधा बडा व हार्ड हो जाता है, इसलिए यह इसे झेल सकता है।

यदि किसी किसान के पास ड्रिप सिस्टम है पानी के लिए तो जब बारिश रूक जाती है तो वह इस सिस्टम के माध्यम से पौधो में पानी पहुंचा सकते है।

यदि वह अपनी कम्पलीट स्टेज पर है और बारिश रूक गई तो ही आपको पानी की जरूरती पडेगी।

यदि आपके पास ड्रिप स्टिम नहीं है तो खेत में जो आपने नाली बनाई थी उसके माध्मय से भी आपा पौधों में पानी छोड सकते है ।

 

ज्यादा बारिश हो तो यह करें

यदि आखरी के समय बारिश बहुत हो जाती है तो सोयाबीन एवं खरीद की अन्य फसलों की जडें सड़ना शुरू हो जाती है।

इसके बचाब के लिए जब ड्रिप सिस्टम लगा होता है तो डब्लयूडीजे वाला सल्फर ड्रिप से छोड देना चाहिए।

जिसकी वजह से बहुत ही अच्छा पौधो को इसका फायदा पहुंचता है।

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