खाद वितरण में सुधार और कालाबाजारी पर सख्ती : मुख्यमंत्री के बड़े निर्देश

मध्य प्रदेश में खाद वितरण की समस्या ने किसानों में असंतोष बढ़ा दिया है, जिसके कारण मुख्यमंत्री मोहन यादव को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कमान अपने हाथ में लेनी पड़ी है। 

मुख्यमंत्री यादव ने कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि किसानों को उर्वरक प्राप्त करने में कोई समस्या आती है, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

इस समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए तुरंत कार्रवाई करें।

मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन से शुक्रवार शाम आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उन्होंने कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।

इस दौरान मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिलों में किसानों के लिए खाद-बीज का वितरण व्यवस्थित हो, पराली जलाने पर रोक लगे और राजस्व कार्यों का त्वरित निपटारा हो।

 

ड्रोन तकनीक का बढ़े उपयोग

डॉ. यादव ने कृषि कार्यों में ड्रोन तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने की बात कही।

उन्होंने कहा कि ड्रोन के माध्यम से यूरिया का छिड़काव और खाद डालने से न केवल समय और लागत की बचत होती है, बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी है।

किसानों को किराए पर ड्रोन उपलब्ध कराने और प्राकृतिक जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिए गए।

 

किसानों और आमजन को राजस्व महाअभियान का लाभ दिलवाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एक माह अवधि के राजस्व महाअभियान 3.0 का शुभारंभ 15 नवम्बर को हो चुका है। इस अभियान में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप किसानों और आमजन को लाभ दिलवाया जाए।

पीएम किसान योजना के लिए फार्मर आईडी को दिसम्बर 2024 से अनिवार्य किया जा रहा है। इस नाते कलेक्टर्स इस कार्य को सुनिश्चित करें।

खसरा एवं आधार लिंकिंग का कार्य शिविर लगाकर किया जाए। स्वामित्व योजना के समस्त ग्रामों से सबंधित दस्तावेज भी पूर्ण और व्यवस्थित करते हुए राजस्व महाभियान से स्थानीय जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जाए।

वीडियो कांफ्रेंस एवं बैठक में जानकारी दी गई कि राजस्व महाअभियान 3.0 प्रदेश में एक लाख से अधिक नामांतरण, 10 हजार से अधिक बँटवारा, लगभग 20 हजार सीमांकन और एक लाख 39 हजार नक्शा बटांकन, करीब 4 हजार अभिलेख दुरूस्ती और लगभग 2 लाख आधार से खसरे लिंक करने का लक्ष्य तय किया गया है।

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