शुजालपुर के किसान को 26 को दिल्ली में मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार

गोबर से ‘गैसगुरु’ बन जीता नेशनल अवॉर्ड

गोबर से ‘गैसगुरु’ की पहचान बनाने वाले शुजालपुर के 8वीं पास किसान देवेंद्र परमार को बेस्ट डेयरी फॉर्मर वर्ग में राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए चुना गया है।

उन्हें पूरे भारत में दूसरा स्थान हासिल हुआ है।  देशी नस्ल के पशुओं पर नस्ल सुधार के लिए उन्हें यह पुरस्कार, तीन लाख का चेक भी मिलेगा।

मध्यप्रदेश के शुजालपुर के पटलावदा के किसान देवेंद्र परमार, आठवीं पास हैं। 168 दुधारू पशुओं का पालन करते हैं। देवेंद्र ने खेत में बायोगैस संयंत्र लगाया है। इससे वह न केवल अपने वाहन दौड़ा रहे हैं, बल्कि केंचुआ खाद के साथ बिजली भी पैदा कर रहे हैं। इस प्लांट से रोज 200 किलो गैस का उत्पादन हो रहा है।

इसे वह सीएनजी के रूप में वाहनों में उपयोग कर रहे हैं। साथ ही, 100 यूनिट बिजली पैदा हो रही है। केंचुआ खाद बेचकर वह रोजाना 3 हजार और दूध बेचकर 4000 रुपए कमाई कर रहे हैं। इस तरह महीने भर में करीब 2.10 लाख की कमाई कर रहे हैं। सालाना करीब 25 लाख रुपए की इनकम हो रही है।

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यह है राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार

एक माह पूर्व नेशनल डेयरी डिपार्टमेंट बोर्ड आनंद गुजरात से एक दल ने आकर पटलावदा में किसान देवेन्द्र द्वारा किए जा रहे कार्यों का भौतिक परीक्षण किया। उन्हें शनिवार को पुरस्कार के लिए नामांकित किए जाने की सूचना मिली।

पशुपालन और डेयरी के क्षेत्र में काम करने वाले किसानों, पशुपालन और डेयरी के क्षेत्र में काम करने वाले डेयरी सहकारी समितियों, कंपनियों, किसानों, व्यक्तियों को पहचान दिलाना और प्रोत्साहित करने यह पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिया जाता है।

देवेंद्र को सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान स्वदेशी मवेशी, भैंस नस्लों का पालन करने, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) के लिए चुना गया है। पुरस्कार 26 नवंबर 2024 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस समारोह पर मानेकशॉ सेंटर, नई दिल्ली में दिए जाएंगे। विजेताओं को मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह द्वारा पुरस्कार प्रदान किए जाना है।

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