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किसान भाई इस सप्ताह क्या करें

 

पूर्वी मध्य प्रदेश में मौसम बदलेगा

सामान्य सलाह

  • आने वाले पॉंच दिनों में पूर्वी मध्यप्रदेश के जिलों में बादल रहने एवं हल्की वर्षा की संभावना है। दिन एवं रात के तापमान में वृद्धि की संभावना है।
  • तोरिया चना, मसूर, अलसी, बटरी, एवं सरसों के खेतों का निरीक्षण कीट/व्याघि हेतु करते रहें तथा प्रकोप दिखाई देने पर नियंत्रण हेतु कृषि विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओं अथवा कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिकों से तुरंत संपर्क करें।

 

गेहूॅं

wheat gehu farming tips

  • गेहूॅं की फसल में क्रांतिक अवस्था (फूल एवं दाना) पर आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।
  • देर से बोई गई गेहॅू की फसल में सिंचाई उपरांत आवश्यकतानुसार खड़ी फसल में नत्रजन की पूर्ति करें।

चना

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  • हल्के बादल होने की वजह से इल्ली का प्रकोप बढ़ सकता हैं। किसान भाई चने की फसल का निरिक्षण करे, चने की इल्ली की संख्या अर्थिक छति सीमा से अधिक पाए जाने पर (दो या दो से अधिक इल्ली प्रति मीटर कतार मे) इसके नियंत्रण हेतु क्विनालफॉस 25 ई0सी0 दवा की 2 मिली0 मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। एवं टी आकर की खूिटयां (पक्षी आश्रय स्थल) लगा दें।

 

सरसो

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  • माहू से बचाव हेतु मेटासिस्टाक्स 2 मि. ली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें तत्पश्चात 15 दिनों के बाद डायमेथियेट 2 मि. ली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

 

फलदार वृक्ष

faldar tree

  • आम एवं अमरूद में मिली बग का प्रकोप , आम एवं नीबू मे सुरमकीट कीड़े का प्रकोप हो तो रोगर या मेटासिस्टाक 1.5 – 2 मिली प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।
  • आम मेें मिली बग कीट की रोकथाम करें। दिन का तापमान ज्यादा होने से बग का प्रकोप बढ़ सकता है।
  • नीबू जाति के पौधों मेें कैंकर, डाई-बैक रोग व कीटों की रोकथाम करें। आवष्यकतानुसार सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव करें।
  • फल वृक्षों में थालों का निर्माण करें। खाद एवं उर्वरक की संतुलित मात्रा का प्रयोग करें।

 

सब्जियां

vegetable farming tips

  • सब्जियॉं जैसे बैंगन एवं मिर्च में आवष्यकतानुसार सिंचाई करें एवं तैयार फसलों की तुडा़ई करें ।
  • कददूवर्गीय या तर सब्जियों की बुवाई के लिए खेत तैयार करें तैयार नर्सरी को रोपाई करें एवं नई नर्सरी तैयार करें।
  • ग्रीष्मकालीन भिंण्डी, बरवटी, सेम, राजमा, एवं फ्रेन्चबीन आदि कीे बुवाई करें।
  • ध्यान रखें बीज को फफूॅंदनाषक दवा वेविस्टीन या साफ 2 ग्राम प्रतिकिलो की दर से उपचारित कर बुवाई करें।

 

पशु एवं मुर्गी पालन

murgi palan animar pashu palan

  • पशुओं में खुरपका-मुहपकाव भेड़ों में फड़किया रोग का टीका लगवाएँ।
  • बरसीम की फसल की चारा हेतू कटाई 20 दिनों के अंतराल पर करें तथा प्रत्येक कटाई के बाद सिंचाई करें।

source :  जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्व विद्यालय

 

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