उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में अक्टूबर और नवंबर के महीनों में लगभग शुष्क स्थिति बनी रही। वैसे भी नवंबर उत्तरी और पश्चिमी भारत के लिए सबसे कम वर्षा वाला महीना माना जाता है।
यहां तक कि उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में भी बारिश और बर्फबारी बहुत कम और अनियमित रही।
नवंबर के पहले पखवाड़े में इन गतिविधियों की कमी के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में दिन का तापमान सामान्य से अधिक रहा।
पश्चिम और मध्य भारत में हल्की सर्दी
पश्चिम और मध्य भारत में हल्की सर्दी का प्रभाव दिख रहा है। गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में सुबह के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
मध्य प्रदेश के भोपाल, मंडला, उमरिया और पचमढ़ी जैसे स्थानों में न्यूनतम तापमान एकल अंकों (सिंगल डिजिट) में रिकॉर्ड किया गया।
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में भी तापमान सिंगल डिजिट में दर्ज किया गया।
देश के इन हिस्सों में गुलाबी ठंड
पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत के हिस्सों में शुष्क मौसम बना हुआ है। पूरे क्षेत्र में गुलाबी ठंड (पिंक चिल) का प्रभाव देखा जा रहा है, जहां न्यूनतम तापमान ऊंचे अंकों (हाई टीन्स) में है।
बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड और असम घाटी के हिस्सों में हल्का से मध्यम कोहरा रोज़ाना की स्थिति बन गई है। यह सुखद मौसम क्षेत्र में जारी रहेगा।
अगले सप्ताह दक्षिण में बढ़ेगी बारिश
लेकिन अगले सप्ताह के शुरू में दक्षिण भारत में फिर से तीव्र मौसम गतिविधियों की संभावना है।
इसका कारण है अंडमान सागर में विकसित हो रहा संभावित चक्रवातीय तूफान, जो दक्षिणी राज्यों की ओर बढ़ेगा।
तमिलनाडु, पुदुचेरी, केरल और तटीय आंध्र प्रदेश में 25 से 28 नवंबर 2024 के बीच खराब मौसम की संभावना है।
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