मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (पीएम कुसुम योजना) से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि किसान इस योजना के तहत बंजर और अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर नियमित आय प्राप्त कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने दिए विस्तार के निर्देश
इस योजना के तहत किसानों द्वारा उत्पादित बिजली को राज्य सरकार 3.25 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीदेगी।
इसके अलावा, प्रदेश में कृषि फीडरों को सौर ऊर्जीकृत करने की योजना भी है, जिससे किसानों को 10 घंटे तक निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
सौर ऊर्जा संयंत्रों से आय का नया स्रोत
पीएम कुसुम योजना के तहत किसान 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकेंगे।
इन संयंत्रों से उत्पादित बिजली को सरकार 25 वर्षों के अनुबंध के तहत खरीदेगी, जिससे किसानों को दीर्घकालिक आय का फायदा होगा।
इस योजना का लाभ किसान वॉक-इन पद्धति से आवंटन पोर्टल के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
“पीएम कुसुम-सी” योजना का उद्देश्य प्रदेश के 8,000 कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा से संचालित करना है।
इस योजना के तहत सोलर संयंत्र की स्थापना के लिए 1.5 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट की केंद्रीय सहायता दी जा रही है।
प्रदेश में 2,000 मेगावाट क्षमता के संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 500 मेगावाट की क्षमता पहले ही आवंटित की जा चुकी है।
वित्तीय सहायता और ऋण प्रावधान
योजना के तहत प्रति मेगावाट संयंत्र लगाने के लिए 2 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी, जिसमें करीब 4 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट का व्यय होगा।
किसानों को बैंक से 70 प्रतिशत तक का ऋण उपलब्ध होगा, जिसमें एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत 3 प्रतिशत ब्याज छूट का भी प्रावधान है।
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