एमएसपी और बोनस से बढ़ा उत्साह
राज्यों में सरकारी मंडियों और क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद की तैयारियां कर ली गई हैं.
एमएसपी में बढ़ोत्तरी के बाद कुछ राज्यों में बोनस की घोषणा के चलते गेहूं किसानों में उपज की बिक्री करने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की संख्या तेजी से बढ़ी है.
गेहूं की सरकारी खरीद कुछ राज्यों में 1 मार्च से और बाकी राज्यों में 1 अप्रैल से शुरू होने जा रही है.
केंद्र सरकार ने गेहूं के लिए तय न्यूनतम समर्थन मूल्य में 150 रुपये बढ़ोत्तरी की है, जबकि कुछ राज्यों ने बोनस देने की घोषणा कर दी है.
ऐसे में किसानों को अधिक दाम मिलने का रास्ता साफ हो गया है. यही वजह है कि बीते कुछ सप्ताह में गेहूं की सरकारी क्रय केंद्रों पर बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों की संख्या में तेज उछाल आया है.
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के खाद्यान्न खरीद पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए गेहूं की सरकारी खरीद प्रक्रिया शुरू होने जा रही है.
गेहूं खरीद के लिए लिस्टेज 11 राज्यों में से 7 राज्यों ने गेहूं खरीद प्रक्रिया को शुरू कर दिया है और इन राज्यों में बड़ी संख्या में किसानों ने गेहूं बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है.
7 राज्यों में 27 फरवरी 2025 तक 9,47,904 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.
गेहूं किसानों को एमएसपी के साथ बोनस मिलेगा
मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं किसानों को एमएसपी के साथ बोनस देने की घोषणा की है.
केंद्र सरकार ने गेहूं की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में 150 रुपये की बढ़ोत्तरी करके 2425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है.
जबकि, मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं खरीद के बदले किसानों को 2600 रुपये प्रति क्विंटल देने की घोषणा की है.
यानी एमएसपी से 175 रुपये अतिरिक्त बोनस के रूप में राज्य सरकार किसानों को देगी. पिछली बार राज्य सरकार ने किसानों को 125 बोनस दिया था.
हफ्ते भर में बढ़ी रजिस्टर्ड किसानों की संख्या
मध्य प्रदेश में गेहूं किसानों को उपज का अधिक दाम मिलने का रास्ता साफ होने के बाद से किसानों में सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने का जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है.
इसके चलते हफ्ते भर के अंदर 2 लाख किसानों के रजिस्ट्रेशन की संख्या बढ़कर 3 लाख के पार पहुंच गई है.
राज्य के छोटे किसानों को गेहूं बिक्री के लिए स्लॉट बुकिंग में प्राथमिकता दिए जाने का भी असर दिखा है.
बता दें कि मध्यप्रदेश में इस बार 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है.