फसलों की बुवाई के साथ ही सामान्यतः बाजारों में उर्वरकों की मांग अधिक बढ़ जाती है। ऐसे में किसानों को फसलों के अधिक उत्पादन के लिये महंगे उर्वरकों का उपयोग पड़ता है।
जिससे फसल उत्पादन की लागत बढ़ती है। ऐसे में किसान को अन्य वैकल्पिक खाद-उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए जो सस्ते होने साथ ही कारगर भी होते हैं।
बुआई के समय किसानों को सबसे अधिक समस्या डीएपी खाद मिलने में होती है।
ऐसे में किसान डीएपी खाद की जगह सिंगल सुपर फास्फेट यानि की एसएसपी खाद का उपयोग कर कम लागत में बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकते है।
सिंगल सुपर फास्फेट
सिंगल सुपर फास्फेट (SSP) में मौजूद पोषक तत्व पौधों की वृद्धि एवं जड़ों के विकास में मदद करते है जिससे फसलों की गुणवत्ता एवं उपज में बढ़ोत्तरी होती है।
इसमें पाये जाने वाले सल्फर के कारण ये तिलहनी एवं दलहनी फसलों के लिये अन्य उर्वरक की तुलना में अधिक लाभकारी सिद्ध हुआ है।
यह तिलहनी फसलों में तेल की मात्रा बढ़ाता है एवं दलहनी फसलों में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाता है।
डीएपी की तुलना में कम कीमत में मिलता है एसएसपी खाद
एसएसपी उर्वरक डीएपी की अपेक्षा सस्ता होता है एवं बाजार में आसानी से उपलब्ध है।
फसलों में फास्फोरस, नाइट्रोजन एवं सल्फर पोषक तत्व उपलब्ध कराने के लिये डीएपी+सल्फर के विकल्प के रूप में यदि एसएसपी+यूरिया का उपयोग किया जाता है तो डीएपी+सल्फर से कम मूल्य पर अधिक नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं सल्फर प्राप्त किया जा सकता है।
एक बैग डीएपी+16 कि.ग्रा. सल्फर की लागत मूल्य 2950 रूपये है जबकि इसके विकल्प के रूप में 3 बैग एसएसपी +1 बैग यूरिया की लागत मूल्य 1617 रूपये है।
जिसको देखते हुए कृषि विभाग द्वारा किसानों को फसलों के कम लागत में उच्च पैदावार हेतु डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फास्फेट एवं यूरिया का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।
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